देहरादून
विभिन्न संगठनों द्वारा नशा विरोधी जन अभियान के माध्यम से प्रदेश व्यापी नशा विरोधी जन जागरण अभियान का आगाज किया गया।
देहरादून के F R I के मुख्य प्रवेश द्वार पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रविवार को नशा विरोधी जन अभियान के द्वारा एक जन जागरण मार्च प्रातः 7:30 बजे प्रारंभ किया गया।
जोरदार बारिश व मौसम के बिगड़े हुए हालात के चलते हुए भी नशा विरोधी अभियान के कार्यकर्ताओं ने बारिश के मौसम के बावजूद लोग दूर-दूर से इकट्ठा होने के साथ ही नारों व जन गीतों के साथ अभियान की शुरुआत की।
“आंधी आए या तूफान जारी रहेगा यह अभियान ” , ” एक रहेंगे जुटे रहेंगे , अभियान को हम सफल करेंगे ” , “जन जन ने ये ठाना है ,नशे को भगाना है” ,नशा नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो , के नारों के साथ मार्च करते हुए अभियान दल के कार्यकर्ता पंडित वाड़ी , बाजार से होते भुड़गांव , वहां से लवली मार्केट ,शहीद द्वार पर रुका I जहां पर नशा विरोधी अभियान दल द्वारा एक जनसभा आयोजित की गई l
नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले पंडितवाड़ी के चौक पर पहुंचे सैकड़़ों लोगों की मौजूदगी में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। मार्च के दौरान लोगों से नशे के खिलाफ शुरू किये गये इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई।
राज्य आंदोलनकारी और इस अभियान की लीडर ऊषा भट्ट ने कहा कि हम लोगों ने पहाड़ की खुशहाली के लिए इस राज्य के लिए संघर्ष किया था, लेकिन आजं इस राज्य को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। यदि आज हम नशे के खिलाफ खड़े नहीं हुए तो आने वाले समय में हर घर में कोई न कोई नशेड़ी पैदा होगा। क्योंकि नशे के तस्करों की नजर हमारे घरों के एक-एक बच्चे पर है। उन्होंने कहा कि हर घर से एक-एक व्यक्ति को इस अभियान में शामिल होना होगा।
अभियान नेतृत्वकारी एक्टिविस्ट और पत्रकार त्रिलोेचन भट्ट ने कहा कि हम उत्तराखंड को शराब से मुक्त करने की लड़ाई लड़ते रहे और शराब के साथ सिंथेटिक नशा भी राज्य के दूर-दराज के गांवों तक पहुंच गया। सरकार, प्रशासन, पुलिस लगातार नशे के खिलाफ अभियान चलाने का दावा कर रहे हैं। इस मुद्दे को मीडिया भी लगातार उठा रहा है, इसके बावजूद राज्य में नशे का चलन बढ़ता जा रहा है।
उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि नशा विरोधी अभियान को पूरे राज्य में फैलाने की जरूरत है, ताकि हम अपने बच्चों को नशे के नरक में फिसलने से बचा सकें। उन्होंने कहा कि शराब के साथ ही तमाम तरह के ड्रग्स पहाड़ों के गांवों तक पहुंच गये हैं और कई परिवार नशे के कारण अपने जवान बच्चों को गंवा चुके हैं। पुलिस प्रशासन और पुलिस को जिस तरह की सख्ती बरतनी चाहिए, उनमें कहीं न कहीं कोई कमी है। यदि ऐसा नहीं होता तो हमारी युवा पीढ़ी आज इस तरह बर्बाद नहीं होती।
मार्च के अंत आयोजित नुक्कड़ सभा में आगामी 25 अगस्त को कौलागढ़ में और 1 सितंबर नेहरू ग्राम में मार्च निकालने का फैसला किया गया। इसके बाद सेलाकुई, धर्मपुर और नेहरूग्राम में भी वहां के लोगों से संपर्क कर मार्च निकालने का फैसला किया गया। इस अभियान को राज्यव्यापी अभियान बनाने की भी घोषणा की गई।
मार्च में उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा, नन्द नन्दन पांडे, पूरन बड़थ्वाल, श्रमयोग के अजय जोशी, विक्रम, इप्टा के हरिओम पाली, एडवोकेट जितेन्द्र्र, सुधीर बडोला, पीपुल्स फोरम उत्तराखंड के जयकृत कंडवाल, अनुज उपाध्याय, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, लक्ष्मी थापा, रूपा क्षेत्री, शांत नेगी, विजय नैथानी, कृष्णा सकलानी, वीना थापा, मातेश्वरी रजवार, परला पुरोहित, बीना डंगवाल, शांति सेमवाल, कमला कोली, पदमा गुप्ता, रीना थापा, नीलम पालीवाल सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।