डीजी एजुकेशन झरना कमठान ने किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत स्कूल समय सारिणी का नया मसौदा तैयार,लागू हुआ तो स्कूल साल भर 8:45 पर खुलेगा और 3:15 बजे होगा बंद – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

डीजी एजुकेशन झरना कमठान ने किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत स्कूल समय सारिणी का नया मसौदा तैयार,लागू हुआ तो स्कूल साल भर 8:45 पर खुलेगा और 3:15 बजे होगा बंद

देहरादून
उत्तराखंड के सभी स्कूलों में कक्षाओं और छुट्टियों का शेड्यूल मानकीकृत किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल समय सारिणी का नया मसौदा तैयार किया है।
उत्तराखंड के पहाड़ों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण गर्मियों की छुट्टियों को छोटा करके विशेष अवकाश की संभावना भी सुनिश्चित की जा रही है।
नई समय सारिणी को अंतिम रूप देने से पहले सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों से सुझाव मांगे गए थे।
शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने सभी सीईओ को इस संबंध में अपने सुझाव एक सप्ताह के भीतर सीमेट को सौंपने का निर्देश दिये थे। सुझावों के आधार पर इस मसौदे में बदलाव भी किये जा सकते हैं।
प्रदेश की शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने कहा, ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल अवधि में कुछ बदलाव किए जाने हैं। सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद एक प्रारंभिक टाइम टेबल बनाया गया है। इस पर सभी पक्षों से सुझाव लिया जा रहा है। अच्छे सुझावों के अनुसार संशोधन भी किए जा सकते हैं।”
पूरे राज्य में पूरे साल एक ही समय पर स्कूल खुलेंगे। स्कूल सुबह 8:45 बजे खुलकर दोपहर 3:15 बजे बंद हो जाएंगे। वर्तमान में, गर्मियों में स्कूल 1 अप्रैल से 7:45 बजे खुलते हैं और 01:00 बजे छुट्टी होती है। 1 अक्टूबर से शीतकालीन स्कूल 9:15 बजे खुलते हैं और 03:30 बजे छुट्टी होती है। नई समय सारिणी में स्कूल का समय गर्मियों में एक घंटा बढ़ाकर सवा छह घंटे और सर्दियों में पंद्रह मिनट बढ़ाई गई है।
पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों की छुट्टियां 20 से 30 जून और 26 दिसंबर से 31 जनवरी तक सर्दियों का अवकाश रहता है जबकि मैदानी जिलों में ये क्रमशः 27 मई से 30 जून गर्मियों में और 13 जनवरी तक सर्दियों के अवकाश होते हैं।
इसे बदल कर गर्मियों में 20 दिन, सर्दियों में 16 दिन की छुट्टियां करते हुए 12 दिन का विशेष परिस्थितिजन्य अवकाश रखने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 12 दिन के अवकाश का उपयोग मॉनसून, बर्फबारी, अत्यधिक गर्मी, कांवड मेला, आपदा आदि के दिन में उपयोग किया जाएगा और प्रधानाचार्य इसे घोषित कर सकेंगे। शिक्षकों को परिस्थितिजन्य अवकाश में आने पर 8 दिन की ईएल की सौगात मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.