देहरादून
आज विभिन्न राजनैतिक दलों ,जनसंगठनों की ओर से एलिवेटेड रोड़ से बिस्थापन, एनजीटी के आदेश से बस्तियों की सुरक्षा ,सहसपुर में साईबर सिटी के लिये ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहण के खिलाफ , चन्द्र शेखर आजाद कालोनी वासियों मालिकाना हक तथा मलिन एवं कच्ची बस्तियों के निवासियों को सरकार अपने वायदे के हिसाब से मालिकाना हक आदि मांगों का एक ज्ञापन शहरी विकास मन्त्री प्रेंमचन्द् अग्रवाल के नाम दिये ज्ञापन में निम्नलिखित मांगों को उठाया गया…
(1) राज्य सरकार द्वारा रिस्पना-बिन्दाल के ऊपर 10 हजार करोड़ की एलिवेटेड रोड़ प्रस्तावित की गई जिसके तहत दोनों ओर बसी बर्षों पुरानी बस्तियों को हटाने का प्रस्ताव है तथा इन बस्तीवासियों के लिऐ पुर्नवास एवं मुआवजे का प्रावधान नहीं है जबकि हरेक योजना में बिस्थापन के मापदण्ड जैसे पुर्नवास तथा मुआवजा का प्रावधान होता है किन्तु इस योजना में प्रभावित लोगों के लिऐ सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन नही किया जा रहा है ।
(2) वर्तमान सरकार द्वारा बार-बार बस्तियों की सुरक्षा तथा वहाँ रह रहे निवासियों को मालिकाना देने का फैसला सैन्ध्दातिक रूप से स्वीकार किया है,जिसे व्यवहार में अविलम्ब लागू किया जाना चाहिए ।
(4)चन्द्रशेखर आजाद नगर भट्टा द्रोणपुरी वार्ड के सभी कब्जाधारियों को मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
(5)इन्दिरा मार्केट रि – डैवलपमैंन्ट प्लान मे सुस्ती से चल रहे कार्य को तेजी से शुरु किया जाये ।
(6)सहसपुर में साईबर सिटी के नाम पर ग्रामीणों की भूमि का अधिग्रहण रोका जाऐ।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में सिपिआईएम के सचिव अनन्त आकाश ,सीआईटीयू महामंत्री लेखराज ,आयूपी केन्द्रीय अध्यक्ष नवनीत गुंसाई ,चेतना आन्दोलन उप संयोजक शंकर गोपाल ,बसपा के जिलाध्यक्ष दिग्विजय सिंह , एटक महामंत्री अशोक शर्मा ,इन्टक जिलाध्यक्ष अनिल कुमार, आजाद समाज पार्टी के उपाध्यक्ष उमेंश कुमार ,व्यापार मण्डल के उपाध्यक्ष अशोक सचदेवा तथा उत्तराखण्ड आन्दोलकारी संयुक्त परिषद के बालेश बबानिया आदि के हस्ताक्षर शामिल हैं।