देहरादून
बृहस्पतिवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन धामी सरकार का वर्ष 2025- 26 का बजट प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पेश किया गया।
पेश लिए गए बजट में सदन को बताया गया कि सत्र वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल प्राप्तियाँ लगभग रू० एक लाख एक हजार चौंतीस करोड़ पचहत्तर लाख (रू0 1,01,034.75 करोड़) अनुमानित है, जिसमें रू० बासठ हजार पाँच सौ चालीस करोड़ चौव्वन लाख (रू0 62,540.54 करोड़) राजस्व प्राप्तियाँ तथा रू० अड़तीस हजार चार सौ चौरानवे करोड़ इक्कीस लाख (रू0 38,494.21 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियाँ हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व रू० उन्तालीस हजार नौ सौ सतरह करोड़ चौहत्तर लाख (रू0 39,917.74 करोड़) है, जिसमें केन्द्रीय करों में राज्यांश रू० पन्द्रह हजार नौ सौ दो करोड़ बयानवे लाख (रू0 15,902.92 करोड़) सम्मिलित है।
राज्य के स्वयं के स्रोतों से कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति रू० अठाईस हजार चार सौ दस करोड़ तीस लाख (रू0 28,410.30 करोड़) में कर राजस्व रू० चौबीस हजार चौदह करोड़ बयासी लाख (रू0 24,014.82 करोड़) तथा करेत्तर राजस्व रू० चार हजार तीन सौ पंचानवे करोड़ अड़तालीस लाख (रू0 4395.48 करोड़) अनुमानित है।
व्यय..
वर्ष 2025-26 में ऋणों के प्रतिदान (W.M.A. / अर्थोपाय अग्रिम सहित) पर रू० छब्बीस हजार पाँच करोड़ छियासठ लाख (रू0 26,005.66 करोड़), ब्याज की अदायगी के रूप में रू० छः हजार नौ सौ नब्बे करोड़ चौदह लाख (रू0 6,990.14 करोड़), राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग रू० अठारह हजार एक सौ सत्तानवे करोड़ दस लाख (रू0 18,197.10 करोड़), सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में लगभग रू० एक हजार चार सौ सैंतालीस करोड़ छब्बीस लाख (रू0 1,447.26 करोड़), पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में रू० नौ हजार नौ सौ सतरह करोड़ चालीस लाख (रू0 9,917.40 करोड़), व्यय अनुमानित है।
वर्ष 2025-26 में कुल व्यय रू० एक लाख एक हजार एक सौ पचहत्तर करोड़ तैंतीस लाख (रू0 1,01,175.33 करोड़) अनुमानित है। कुल अनुमानित व्यय में से रू० उनसठ हजार नौ सौ चौव्वन करोड़ पैंसठ लाख (रू0 59,954.65 करोड़) राजस्व लेखे का व्यय है तथा रू० इकतालीस हजार दो सौ बीस करोड़ अड़सठ लाख (रू0 41,220.68 करोड़) पूंजी लेखे का व्यय है।
वर्ष 2025-26 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है, अपितु रू० दो हजार पाँच सौ पिचासी करोड़ नवासी लाख (रू0 2,585.89 करोड़) का राजस्व अधिशेष (सरप्लस) सम्भावित है। रू० बारह हजार छः सौ चार करोड़ बयानवे लाख (रू0 12,604.92 करोड़) का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.94 प्रतिशत है। यह एफ०आर०बी०एम० एक्ट में निर्दिष्ट सीमा के अन्तर्गत है।
वर्ष 2025-26 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष रू० सत्तर करोड़ छियालीस लाख (रू0 70.46 करोड़) धनात्मक तथा वर्ष का अन्तिम शेष रू० एक सौ उन्यासी करोड़ अठ्ठासी लाख (रू0 179.88 करोड़) धनात्मक रहना अनुमानित है।
वहीं बताते चलें कि बजट का मुख्य फोकस प्रदेश की आर्थिक दिशा और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने पर है।
आर्थिक शास्त्रियों के अनुसार बजट के प्राथमिक क्षेत्र में कई क्षेत्रों को प्रमुखता से साधने की कोशिश की गई है। इसके धामी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के जरिये पेश बजट में कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, पर्यटन और आयुष पर खास फोकस किया गया है।
बताया गया कि ये बजट GYAN’ मॉडल आधारित बजट है यानी
G..गरीब,Y..युवा,A..अन्नदाता और N..नारी।
उद्योग और स्टार्टअप के लिए बजट
एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये
मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़ रुपये.
स्टार्टअप उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए 30 करोड़ रुपये.
मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़ रुपये।
जल संसाधन और सिंचाई बजट
जमरानी बांध के लिए 625 करोड़ रुपये.
सौंग बांध के लिए 75 करोड़ रुपये.
लखवाड़ परियोजना के लिए 285 करोड़ रुपये.
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़ रुपये.
जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़ रुपये.
नगर पेयजल के लिए 100 करोड़ रुपये।
220 किमी नई सड़कों का निर्माण.
1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण.
1550 किमी मार्ग नवीनीकरण.
1200 किमी सड़क सुरक्षा कार्य.
37 नए पुलों का निर्माण.
पीएमजीएसवाई के तहत 1065 करोड़ रुपये.
बस अड्डों के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये.
नागरिक उड्डयन विभाग को 36.88 करोड़ रुपये।
टिहरी झील के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये.
मानसखंड योजना के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये.
वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 20 करोड़ रुपये.
नए पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये.
चारधाम मार्ग सुधारीकरण के लिए 10 करोड़ रुपये।
इकोलॉजी और इकोनॉमी का संतुलन.
सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने पर जोर.
स्वच्छ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण.
कैम्पा योजना के लिए 395 करोड़ रुपये.
जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़ रुपये.
स्प्रिंग एंड रिवर रेजुबिनेशन प्राधिकरण (सारा) के लिए 125 करोड़ रुपये.
सार्वजनिक वनों के सृजन हेतु 10 करोड़ रुपये।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए 1811.66 करोड़ रुपये.
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी के लिए 918.92 करोड़ रुपये.
अन्नपूर्ति योजना के लिए 600 करोड़ रुपये.
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 207.18 करोड़ रुपये.
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 54.12 करोड़ रुपये
ईडब्ल्यूएस आवास अनुदान के लिए 25 करोड़ रुपये
निर्धन परिवारों के लिए रसोई गैस पर अनुदान 55 करोड़ रुपये
पर्यावरण मित्र बीमा के लिए 2 करोड़ रुपये
परिवहन निगम की बसों में फ्री यात्रा के लिए 40 करोड़ रुपये.
राज्य खाद्यान्न योजना के लिए 10 करोड़ रुपये
अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने के लिए 34.36 करोड़ रुपये।
उत्तराखंड सरकार का यह बजट राज्य की समग्र आर्थिक उन्नति और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें आधारभूत संरचना, पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन, उद्योग, कृषि और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।