देहरादून/ चमोली
चमोली बद्रीनाथ धाम में माना गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दबे 15 मजदूरों को बचा लिया गया, बाकी 42 मजदूरों की खोज जारी है। ये सभी मजदूर बीआरओ के कांटेक्ट में लगे ठेकेदार के बताए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फबारी हो रही थी। बद्रीनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर माणा गांव और माणा
पास के बीच हाईवे के निकट हिमस्खलन आया है। इसमें 57 मजदूरों के दबे होने की सूचना है, जिसमें से फिलहाल 10 को बचा लिया गया है।
उत्तराखंड का माणा गांव भारत और चीन के बॉर्डर पर स्थित है। यहां सेना का बेस कैंप भी है। लिहाजा सेना सबसे पहले बचाव कार्य में जुटी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भेजा गया है। हिमस्खलन को लेकर प्रशासन के साथ j
ही आईटीबीपी,बीआरओ की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गई हैं।
15 मजदूरों को बचा लिया गया।
बाकी 42 मजदूरों की ढूंड खोज जारी हैं।
ये सभी मजदूर बीआरओ के कांटेक्ट में लगे ठेकेदार के बताए जा रहे हैं।
बड़ी खबर चमोली बद्रीनाथ धाम में माना गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दब गए थे जिनमें से 15 मजदूरों को बचा लिया गया हैं बाकी 42 मजदूरों की खोज लगातार जारी है ये सभी मजदूर बीआरओ के कांटेक्टर में लगे ठेकेदार के बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फभारी हो रही थी।
दूसरी ओर डीएम चमोली ने बताया कि जनपद में माणा गांव और माणा पास के मध्य हिमस्खल की सूचना प्राप्त हुई है। जिसके बाद जिलाधिकारी संदीप तिवारी की ओर आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए हैं। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले 57 मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली है। अभी तक घटना में किसी प्रकार की मानवीय क्षति की जानकारी नहीं मिली है। सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है।