देहरादून/काशीपुर
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में बीते वर्ष हुए चर्चित बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की विशेष टीम ने उसे पंजाब से गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार जब उसे रुद्रपुर लाया जा रहा था तो रास्ते में काशीपुर के पास पुलिस के वाहन का टायर फट जाने से गाड़ी पलट गई और इसी दौरान सरबजीत ने मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश में उसने पुलिसकर्मी संजय कुमार की पिस्टल छीनकर गेहूं के खेतों की ओर दौड़ लगा दी।
खेत की ओर भाग रहे सरबजीत ने पुलिस पर गोलियां चलाईं, जिससे पुलिसकर्मी शुभम सैनी के बाएं हाथ में गोली लग गई। पुलिस ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ के दौरान की गई जवाबी कार्रवाई में सरबजीत के दोनों पैरों में गोलियां लग गईं और वह घायल होकर गिर पड़ा।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गंभीर रूप से घायल सरबजीत को तत्काल काशीपुर के राजकीय चिकित्सालय पहुंचा दिया, जहां उसका उपचार के लिए भर्ती किया गया।
इस घटना में पुलिस टीम के भी कई सदस्य घायल हुए, जिनमें नानकमत्ता थाने के प्रभारी उमेश कुमार और पुलिसकर्मी धनराज शाह भी शामिल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही जिले के एसएसपी मणिकांत मिश्रा और एसपी अभय सिंह मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी।
उल्लेखनीय है कि यह मामला 28 मार्च 2024 का है जब उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता में डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
घटनाक्रम के अनुसार बाइक सवार दो हमलावरों ने अचानक उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
इस हत्याकांड के बाद पूरे उत्तराखंड में सनसनी फैल गई थी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए खुद मौके पर पहुंचकर जांच के आदेश दिए थे। पुलिस इस हत्याकांड के आरोप में 9 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह तबसे फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
लगातार रुकने की जगह बदलते हुए पुलिस की पकड़ से बचकर भाग रहे हत्यारोपी सरबजीत की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक विशेष टीम पंजाब के तरनतारन पहुंची थी। मौका मिलते ही यहां छिपे बैठे सरबजीत को दबोच लिया और मंगलवार रात उसे गिरफ्तार कर रुद्रपुर लाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
शांति पूर्ण तरीके से ला रही पुलिस की गाड़ी जब काशीपुर के पास पहुंची तो वहां पर वाहन का टायर फट गया और गाड़ी पलट गई और मुठभेड़ में
पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें सरबजीत के दोनों घुटनों में गोलियां लगीं और वह घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया और अस्पताल में भर्ती कराया।
आइए इस हत्याकांड के पूरे घटनाक्रम पर नजर डालते हैं,8 अप्रैल 2024 को हरिद्वार के भगवानपुर में एसटीएफ ने बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में एक अन्य आरोपी अमरजीत सिंह को मार गिराया था। अमरजीत सिंह दोनों में एक वही शख्स था जिसने बाबा तरसेम सिंह की हत्या में मुख्य भूमिका निभाई थी। लेकिन मुठभेड़ के दौरान एक अन्य आरोपी भागने में कामयाब हो गया था, जिसके बाद पुलिस लगातार तलाश कर रही थी।
लेकिन अब सरबजीत से कड़ी पूछताछ के बाद इस हत्याकांड के पीछे की असली कहानी और अन्य संभावित आरोपियों के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
जिले के एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पुलिस की कड़ी मेहनत और सटीक सूचना के चलते आखिरकार सरबजीत सिंह को दबोचा गया है। यह मामला बेहद संवेदनशील था और पुलिस की टीमें लगातार इस पर नजर रखे हुए थीं।
