जालियांवाला बाग की स्मृति में आयोजित हुई विशेष विचार गोष्ठी में कवियों ने सुनाई अपनी रचनाएं,याद आई स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

जालियांवाला बाग की स्मृति में आयोजित हुई विशेष विचार गोष्ठी में कवियों ने सुनाई अपनी रचनाएं,याद आई स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत

देहरादून

जनकवि व वरिष्ठ नागरिक जनसेवा समिति वाणी विहार समिति के सलाहकार डा अतुल शर्मा के निवास धरातल पर रविवार शाम एक विशेष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जालियांवाला बाग कांड के स्मृति दिवस पर और बैसाखी के अवसर पर एकत्रित विद्वानों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये गये।

संचालन कर रहे महामंत्री पीडी लोहानी ने सर्वप्रथम कवयित्री रंजना शर्मा व कहानीकार रेखा शर्मा को कविता पाठ के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम की कालजयी रचना प्रस्तुत की नही भुलाया जा सकता है जलियांवाला बाग कभी, नही भुलाया जा सकता है मां के दिल का दाग कभी, यह तेरह अप्रैल कि जिस दिन, कितनी गोद हुई सूनी, ये तेहर अप्रैल कि जिस दिन कितनी मांग हुई सूनी।

मुख्य अतिथि पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान ने बताया कि यह कवि स्वतंत्रता सेनानी कवि श्रीराम शर्मा प्रेम ने 13 अप्रेल 1940 को लिखी थी। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग कांड मे हज़ारों निहत्थे लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसका प्रतिशोध शहीद उधम सिह ने लिया था।

उत्तराखंड राज्य आन्दोलन कारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिह नेगी ने और समिति के अध्यक्ष हुकम सिह गड़िया ने जलियांवाला बाग कांड में शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास रचने वा बताया और उपाध्यक्ष शेरसिंह राणा ने कहा कि जलियांवाला बाग कांड के बाद स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला और भी भड़क उठ गई थी।

डा अतुल शर्मा ने बताया कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर मे जब लोग बैसाखी के अवसर पर एकत्र होकर स्वतंत्रता संग्राम कीअलख जगा रहे थे तभी सभी दरवाजे बंद कर करके फिरंगी पुलिस नेजनरल डायर के आदेश पर गोलियां दागनी शुरु कर दी थी। जिसमें सैकड़ों लोग शहीद हुए।

वरिष्ठ नागरिक जनसेवा समिति से जुड़े संतन नेगी समेत उपस्थित लोगों ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपनी भाव भीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.