देहरादून
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद प्रशासन ने जांच कर शुक्रवार की देर रात मजार को गिरा दिया गया।
प्रदेश की राजधानी स्थित दून अस्पताल परिसर में बनी मजार को लेकर सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई थी। जांच पूरी होने के बाद प्रशासन ने मजार को अवैध करार दिया और देर रात कार्रवाई करते हुए बुल्डोजर से इस मजार को ध्वस्त कर दिया।
जांच में सामने आया कि यह मजार सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई थी। खास बात यह रही कि मलबे से कोई अवशेष नहीं मिला।
सूत्रों के अनुसार, ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इसकी जांच के आदेश दिए। नगर प्रशासन को जमीन के दस्तावेजों की जांच का निर्देश मिला, जिसके तहत राजस्व विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, दून अस्पताल प्रशासन सहित अन्य विभागों द्वारा संयुक्त रूप से जांच की गई थी।
जांच में यह देखा गया कि क्या मजार सरकारी जमीन पर बनी है और इसके निर्माण की अनुमति ली गई थी या नहीं। अस्पताल प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी गई और फिर मजार के खादिम को नोटिस जारी किया गया।
बताया गया कि इस मजार को लेकर स्थानीय लोगों के बीच विभिन्न तरह की चर्चाएं थीं। इसको लोग फकीर की मजार मानते थे जिसके नाम पर मौजूद खादिम मरीजों से इबादत करवाने के नाम पर अंधविश्वास फैला रहे थे, जिससे अस्पताल प्रशासन भी परेशान था। बताया गया कि कुछ लोग इसके माध्यम से पिछले कई सालों से निजी लाभ भी कमा रहे थे।
पूर्व में भी अस्पताल प्रशासन ने इलाज द्वारा शासन से इसे हटाने की मांग की गई थी। अंततः प्रशासन की टीम ने अस्पताल मार्ग को सील कर, पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई को अंजाम दिया। देर रात नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिलकर मजार को ढहा दिया।
इस दौरान नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसपी सिटी प्रमोद सिंह और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी व पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे।