विश्वप्रसिद्ध यूनेस्को की धरोहर फूलों की घाटी के दरवाजे प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए खुल गए,पहले दिन पहुंचे 49 पर्यटक

देहरादून/चमोली

उत्तराखंड में स्थित यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क को ग्रीष्मकाल के लिए पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए शनिवार से खोल दिया गया।

जैव विविधता से भरी ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पति विज्ञानी फ्रैंक स्मिथ ने घाटी की खोज की थी, घाटी में प्रकृति प्रेमियों को हिमालई फ्लोरा फ्यूना से लेकर प्राकृति के नजारों का दीदार करते हुए बेहद नजदीक जाने का मौका।मिलता है। अपने प्राकृतिक आवास में ही उगने वाली दुर्लभ अल्पाइन पुष्पों की सैकड़ों प्रजातियों के साथ साथ बहुमूल्य जड़ी बूटियों के लिए पहचान वाली घाटी के प्रवेश द्वार पूजन के बाद खुल चुके है।

वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क की वन क्षेत्र अधिकारी चेतना काण्डपाल की अगुवाई में आम पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के फूलों की घाटी खोल दी गई है।

विश्वप्रसिद्ध धरोहर फूलों की घाटी आने वाले प्रकृतिप्रेमियों और पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क परमिट चार्ज भी पार्क प्रशासन द्वारा आफ लाईन के साथ साथ ऑनलाइन भी कर दिया गया है। पर्यटक यहां आने के लिए एडवांस में भी वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क की ऑफिसियल वेब साईट पर जाकर ऑनलाइन परमिट हासिल कर सकते है, भारतीय पर्यटकों के लिए 200 रुपया प्रति पर्यटक और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपया प्रति पर्यटक की दर से शुल्क लिया जा रहा है।

रेंजर चेतना काण्डपाल ने बताया कि सुबह 7 बजे घाटी के प्रवेश द्वार औपचारिक द्वार पूजन के बाद आम पर्यटकों के लिए खोल दी गई। पहले दिन 49 पर्यटकों फूलों की घाटी पहुंचे। जिसमें 45 पर्यटकों ने ऑफलाइन टिकट तथा 4 पर्यटकों ने ऑनलाइन टिकट लेकर घाटी का दीदार करने पहुंचे।

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