उत्तराखंड में खसरा और रूबेला जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन को हुई राज्य टास्क फोर्स की बैठक संपन्न – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखंड में खसरा और रूबेला जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन को हुई राज्य टास्क फोर्स की बैठक संपन्न

देहरादून

उत्तराखंड में खसरा (Measles) और रूबेला (Rubella) जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन तथा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से बुधवार को राज्य टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

यह बैठक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के सभागार में सम्पन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड ने की। बैठक में वर्ष 2026 तक उत्तराखंड को खसरा-रूबेला मुक्त बनाने की दिशा में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई। मिशन निदेशक ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

बैठक में प्रमुख चर्चा बिंदु…

👉1… VPD (Vaccine Preventable Disease) सर्विलांस के माध्यम से खसरा व रूबेला के मामलों की सक्रिय पहचान, प्रयोगशाला से पुष्टि एवं समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना।

👉2 … प्रकोप की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र को सुदृढ़ करना।

👉3 …UWIN पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण सत्रों की डिजिटल मॉनिटरिंग और विश्लेषण।

👉4 … जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से समुदायों को टीकाकरण के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाना।

स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि खसरा और रूबेला दोनों ही संक्रामक वायरल बीमारियाँ हैं, जो विशेषकर बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। ये बीमारियाँ निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, अंधत्व और यहाँ तक कि मृत्यु का भी कारण बन सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में ये भ्रूण विकृति और गर्भपात जैसी जटिलताओं को जन्म देती हैं। इसलिए इनका उन्मूलन वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उत्तराखंड में इस दिशा में 95 प्रतिशत या उससे अधिक टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा गया है, जिससे सामुदायिक प्रतिरक्षा (Herd Immunity) विकसित की जा सके।

मिशन निदेशक ने जानकारी दी कि जुलाई 2025 से अगले तीन महीनों तक पूरे प्रदेश में विशेष एम.आर. टीकाकरण सप्ताह आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों की निगरानी UWIN पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। यदि किसी कारणवश कोई टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हो पाता है, तो उसके पीछे के कारणों की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

बैठक में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र में टीकाकरण सत्रों की नियमित समीक्षा, जन-जागरूकता गतिविधियों और सत्र आयोजन पर विशेष ध्यान दें।

इस बैठक में डॉ. मनु जैन (निदेशक, एनएचएम), डॉ. कुलदीप मार्तोलिया (राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी), शैलेन्द्र सिंह चौहान (उप निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा), डॉ. हितेन्द्र (उप निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य), तरूणा चमोला (स्टेट नोडल अधिकारी, महिला एवं बाल विकास), डॉ. हंस वैस (अध्यक्ष, IAP), डॉ. सौरभ सिंह (सहायक निदेशक, IDSP), डॉ. फरीद जफ्फर (सहायक निदेशक, अर्बन हेल्थ प्रोग्राम) सहित WHO एवं UNDP के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

इनके अलावा राज्यभर के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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