देहरादून/कोटद्वार
उत्तराखंड के पर्वतीय गांव में ये कोईं पहला वाक्या नहीं जो कि किसी बहादुर महिला ने जंगल में किसी हिंसक जंगली जानवर के हमले को अपनी जान बचाने के लिए नाकाम किया हो।
यहां तो जंगल और जंगली जानवर रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं, जंगलों के खतरों से जूझना भी कभी-कभी नियति बन जाता है। ठीक ऐसा ही कुछ हुआ द्वारीखाल प्रखंड के मथगांव की 26 वर्षीय अंजली नेगी के साथ, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर हिंसक भालू से बिना घबराए उसके हमले का सामना किया और खुद को बचाते हुए, भालू को पीछे हटने पर मजबूर भी किया।
घटना बुधवार सुबह की है। अंजली, गांव की एक अन्य महिला के साथ मवेशियों के लिए चारा-पत्ती लेने जंगल गई थीं। जब अंजली घास काट रही थीं तभी झाड़ियों के बीच में छिपा बैठा एक भालू अचानक निकल आया और उन पर हमला कर दिया। पहाड़ की बेटी के हाथ में परंपरागत दरांती थी और दिल में था इस चुनौती से लड़कर जीतने का जज़्बा। अंजली ने बिना घबराए परीक्षा के साथ भालू पर दरांती से दनादन जवाबी वार किए।
हमले में पलटकर भालू ने उनके सिर पर जोरदार पंजा मारा, जिससे वह लहूलुहान हो गईं। बहते हुए खून के बावजूद अंजली का हौसला नहीं डगमगाया, वह लगातार चिल्लाती रही और भालू से भिड़ती रही। अंततः इस हमले से डरा भालू जंगल की ओर भाग गया।
हालांकि इतनी देर तक लड़ने के बावजूद काफी खून बह चुका था जिससे अंजली बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गईं। साथ मौजूद महिला ने गांव में जाकर लोगों को सूचना दी।
ग्रामीणों की मदद से अंजली को कोटद्वार बेस चिकित्सालय लाया गया। चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा उपचार के बाद अंजली को खतरे से बाहर बताया है।