देहरादून
विवादित छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के धर्मांतरण रैकेट ने उत्तर प्रदेश के साथ साथ उत्तराखंड की धरती पर भी अपनी जड़ें जमा ली थीं। यूपी की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने बड़ी कार्रवाई कर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक महिला और एक पुरुष दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर राज्य में धार्मिक पहचान छुपाकर धर्मांतरण फैलाने का आरोप लगा है।
शंकरपुर से गिरफ्तार किया गया युवक अब्दुल रहमान, मुख्य साजिशकर्ता छांगुर के नेटवर्क से लंबे समय से जुड़ा हुआ था। अब्दुल पर आरोप है कि वह आर्थिक प्रलोभन और सामाजिक छल से लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करता था।
वहीं डोईवाला से हिरासत में ली गई महिला मरियम (पहले हिंदू नाम) पर विशेष रूप से महिलाओं और किशोरियों को निशाना बनाने का आरोप लगा है। शुरुआती पूछताछ में ही ATS को कई अहम सुराग मिले है।
छांगुर उर्फ जलालुद्दीन पर पहले से ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अवैध धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और झूठे वादों के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप हैं। अब एटीएस ने खुलासा किया है कि यह नेटवर्क विदेशी मिशनरी, सोशल मीडिया और छद्म धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है।
उसके द्वारा फर्जी विवाह, नौकरी के झांसे, मेडिकल सहायता और मुफ्त शिक्षा के नाम पर धर्म बदलवाने की कोशिशें की जा रही थीं।
एटीएस यूपी को जांच में जो बातें सामने आईं, वे चौंकाने वाली हैं।
डोईवाला, कांवली रोड, सहस्रधारा, और नेहरू कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में इस रैकेट की गतिविधियां देखी गई हैं। छोटे निजी स्कूल, रहवासी कॉलोनियां और एनजीओ के माध्यम से धर्मांतरण की तैयारी की जा रही थी। कुछ संस्थानों पर विदेशी फंडिंग और बिना अनुमति धार्मिक प्रचार करने के आरोप हैं।
ATS ने छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, और धार्मिक ग्रंथों का अनुवादित वर्जन, अज्ञात विदेशी बैंक ट्रांजैक्शन, संगठित ‘हाउस मीटिंग्स’ और ‘सीक्रेट स्कूलिंग’ की जानकारी,
धर्मांतरण कर चुके कुछ लोगों की सूची बरामद की है।
इस घटना के बाद उत्तराखंड में भी हड़कंप मच गया है। राज्य की पुलिस ने तत्काल संबंधित एनजीओ और धार्मिक संस्थाओं की निगरानी तेज कर दी है। राज्य खुफिया इकाई को संवेदनशील क्षेत्रों की सूची सौंप दी गई है। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन भी सक्रिय की गई है।
एटीएस अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट न केवल धर्मांतरण तक सीमित है, बल्कि देशविरोधी मानसिकता और कट्टरवाद फैलाने की साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
FCRA उल्लंघन, धोखाधड़ी, और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है ।
शंकरपुर और डोईवाला में छापेमारी
शंकरपुर से गिरफ्तार किया गया युवक अब्दुल रहमान, मुख्य साजिशकर्ता छांगुर के नेटवर्क से लंबे समय से जुड़ा हुआ था। आरोप है कि वह आर्थिक प्रलोभन और सामाजिक छल से लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करता था।
डोईवाला से हिरासत में ली गई महिला मरियम (पहले हिंदू नाम) पर विशेष रूप से महिलाओं और किशोरियों को निशाना बनाने का आरोप है। शुरुआती पूछताछ में ATS को कई अहम सुराग मिले है।
धर्मांतरण की अंतरराज्यीय साजिश
छांगुर उर्फ जलालुद्दीन पर पहले से ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अवैध धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, और झूठे वादों के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप हैं।
अब एटीएस ने खुलासा किया है कि यह नेटवर्क विदेशी मिशनरी, सोशल मीडिया और छद्म धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है।
एटीएस की जांच में कई चौंकाने वाली बाते सामने आई हैं।
डोईवाला, कांवली रोड, सहस्रधारा, और नेहरू कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में इस रैकेट की गतिविधियां देखी गई हैं।
छोटे निजी स्कूल, रहवासी कॉलोनियां और एनजीओ के माध्यम से धर्मांतरण की तैयारी की जा रही थी। कुछ संस्थानों पर विदेशी फंडिंग और बिना अनुमति धार्मिक प्रचार करने के आरोप हैं।
ATS ने छापेमारी में कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, और धार्मिक ग्रंथों का अनुवादित वर्जन, अज्ञात विदेशी बैंक ट्रांजैक्शन, संगठित ‘हाउस मीटिंग्स’ और ‘सीक्रेट स्कूलिंग’ की जानकारी, धर्मांतरण कर चुके कुछ लोगों की सूचियां और संपर्क जानकारी बरामद की है।
इस घटना के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। उत्तराखंड पुलिस ने तत्काल संबंधित एनजीओ और धार्मिक संस्थाओं की निगरानी तेज कर दी है। राज्य खुफिया इकाई को संवेदनशील क्षेत्रों की सूची सौंप दी गई है। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन भी सक्रिय की गई है।
देशविरोधी साजिश के सुराग
एटीएस अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट न केवल धर्मांतरण तक सीमित है, बल्कि देशविरोधी मानसिकता और कट्टरवाद फैलाने की साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
देहरादून के SSP अजय सिंह ने कहा कि UP ATS की टीम को इन दोनों व्यक्तियों का छांगुर से कनेक्शन होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। पुलिस को इस मामले में और भी लोगों के शामिल होने का शक है। इसीलिए देहरादून पुलिस भी अब UP ATS के साथ छांगुर मामले की जांच कर रही है। FCRA द्वारा धोखाधड़ी, और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।