देहरादून/उत्तरकाशी
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा उत्तरकाशी से धराली में आई आपदा में राहत कार्यों को देखने और वहा के पीड़ित लोगों से मुलाकात कर उनका दुख बांटने के लिए निकले है। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर अपना बयान जारी किया आप भी नजर डालिए।
भटवाड़ी से पैदल ही धराली के लिए निकला हूँ, अभी हर्षिल पहुँचने वाला हूँ।
रास्ते मलबे में दबे हैं, पुल बह गए हैं, कई जगह रास्ता ही नहीं बचा लेकिन कोशिश कर रहा हूँ कि जल्दी धराली पहुंच जाऊं। क्योंकि धराली में मेरे लोग दुख में डूबे और अकेले हैं।
धराली आपदा के पीड़ितों के परिजन बड़ी संख्या में भटवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में फँसे हुए हैं।
किसी को नहीं पता उनका परिवार सुरक्षित है या नहीं।
किसी ने फोन पर आख़िरी आवाज़ सुनी थी, किसी की परिजनों से बात ही नहीं हो पा रही है।
जब मैं पैदल चलकर इन मुश्किल रास्तों से धराली तक पहुँच सकता हूँ, तो क्या सरकार अपने संसाधनों से वैकल्पिक मार्ग बनाकर पीड़ितों के परिजनों को उनसे मिलने नहीं भेज सकती थी ? क्या अपनों से मिलने की,ढांढस बंधाने की,
और मृतकों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इतनी भी कीमत नहीं?
सरकार के पास हेलीकॉप्टर हैं, मशीनें हैं, प्रशासनिक तंत्र है लेकिन नीयत आज भी हवाई फ़ोटो खिंचवाने की है।
ज़मीनी हकीकत क्या है वो वो हेलीकॉप्टर से आसमान में चक्कर लगाकर फ़ोटो खिंचवाने वालों को पता नहीं चल सकती।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि धराली के हर पीड़ित परिवार को शक्ति मिले।
जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें संबल मिले।
और हम सबको इतनी इंसानियत मिले कि हम एक-दूसरे का हाथ थाम सकें।