अजब गजब..गैरसैण में चल रहे पहले दिन सत्र में चले हाइवोल्टेज सीन के बाद,रात को सदन के भीतर रजाई गद्दे पर बैठे नजर आए विपक्ष के विधायक, सीएम और विधान सभा अध्यक्ष की भीं नहीं मानी बात – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

अजब गजब..गैरसैण में चल रहे पहले दिन सत्र में चले हाइवोल्टेज सीन के बाद,रात को सदन के भीतर रजाई गद्दे पर बैठे नजर आए विपक्ष के विधायक, सीएम और विधान सभा अध्यक्ष की भीं नहीं मानी बात

देहरादून/भराणीसेण(गैरसैण)

पहले ही दिन भराड़ी सेण में आयोजित विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार रात को अजब नजारा दिखाई दिया। दिन भर कांग्रेस के विधायक सरकार के खिलाफ आक्रामक दिखे और नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर जमकर हंगामा काटा। कांग्रेस विधायक इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे जबकि संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल कहते रहे कि मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है लिहाजा इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की जा सकती।

इस मुद्दे के बाद नाराज कांग्रेसी विधायकों ने जमकर हंगामा किया और विधानसभा का सत्र दिन में छह बार स्थगित करना पड़ा। मगर देर शाम उस समय बड़ी अजबगजब हालात पैदा हो गए जब कांग्रेस के विधायक सदन में रजाई गद्दे लेकर पहुंच गए।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधायक तिलकराज बेहड़ समेत सभी विधायकों ने सदन की फर्श पर ही गद्दा बिछाया और रजाई ओढ़ के वहीं पर बैठ गए।

प्रदेश सरकार के खिलाफ कांग्रेस का यह धरना था जिसमें नैनीताल के कप्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करने वालों की तुरंत गिरफ्तारी करने की उनकी मांग थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति को संभालने के लिए विपक्षी नेताओं से फोन पर बात की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह से अपील की कि धरना समाप्त कर विधायक आवास पर लौट जाएं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जा रही है।

हालांकि, कांग्रेस विधायकों ने साफ कहा कि जब तक सरकार जनता के मुद्दों पर ठोस चर्चा नहीं करती, उनका विरोध जारी रहेगा। उनका आरोप है कि गैरसैंण सत्र केवल औपचारिकता बनकर रह गया है और वास्तविक समस्याओं की अनदेखी हो रही है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कांग्रेस विधायकों के इस कदम को संसदीय गरिमा के खिलाफ बताते हुए गहरी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि सदन लोकतांत्रिक विमर्श का मंच है, विरोध प्रदर्शन का स्थल नहीं।

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