उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व स्पीकर प्रीतम चौहान ने कार्य मंत्रणा समिति से दिया इस्तीफ़ा – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व स्पीकर प्रीतम चौहान ने कार्य मंत्रणा समिति से दिया इस्तीफ़ा

देहरादून

उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व स्पीकर प्रीतम चौहान ने कार्य मंत्रणा समिति में बने रहने को निरर्थक बताते हुए इस्तीफ़ा दे दिया।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से कराने में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार, प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से पंचायत प्रतिनिधियों को धमकाकर, अगवा कर और झूठे मुकदमे लगाकर पंचायतों पर कब्ज़ा किया गया।

यशपाल आर्य ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के बाद पंचायतों को संवैधानिक दर्जा मिला है, इसके बावजूद सरकार ने जानबूझकर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के आठ महीने बाद बरसात के मौसम में चुनाव करवाए। उनका कहना था कि सत्ता दल ने मनमाफिक आरक्षण तय कर संविधान के अनुच्छेद 243 का हनन किया। इसके बावजूद पंचायत चुनावों में भाजपा विरोधी उम्मीदवारों की जीत हुई, लेकिन बाद में सत्ता पक्ष ने पुलिस संरक्षण में पंचायत प्रतिनिधियों का अपहरण और उत्पीड़न कर पदों पर कब्जा किया।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि नैनीताल, बेतालघाट, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उधमसिंह नगर में हुई आपराधिक घटनाओं ने देवभूमि उत्तराखंड को कुशासन की श्रेणी में खड़ा कर दिया है। यह घटनाएं उस समय हो रही थीं जब उत्तरकाशी जिले के धराली सहित कई हिस्सों में आपदा से तबाही मची थी, लेकिन सरकार का ध्यान राहत कार्यों की बजाय पंचायत पदों पर कब्ज़ा करने पर था।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को विधानसभा के मानसून सत्र से उम्मीद थी कि पंचायत चुनावों में गुंडागर्दी और आपदा प्रबंधन जैसे गंभीर मुद्दों पर नियम 310 के तहत चर्चा होगी, लेकिन सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक किए बिना ही सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

इन परिस्थितियों में कांग्रेस नेताओं ने कार्य मंत्रणा समिति में बने रहने को निरर्थक बताते हुए इस्तीफ़ा दे दिया। यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस की ओर से समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने का निर्णय लिया है।

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