देहरादून/ऋषिकेश
कहा जाता है कि मां की ममता से बढ़कर इस दुनिया में कोई रिश्ता नहीं हो सकता, लेकिन ऋषिकेश से सामने आई घटना से यह रिश्ता शर्मसार हो चला है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला अपने सहयोगियों के साथ अपने पति के घर पहुंची और अपने ही नाबालिग बेटे पर हमला कर डाला, मां की इस करतूत से मासूम बच्चा गहरे सदमे में चला गया है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक पारिवारिक विवाद ने खौफनाक मोड़ ले लिया और एक महिला ने अपने गुंडे टाइप सहयोगियों के साथ मिलकर अपने ही नाबालिग बेटे को पीट डाला। इस घटना के बाद से बच्चा मानसिक आघात में है और लगातार सदमे में है।
बच्चे के पिता जो कि एयरफोर्स में अधिकारी हैं बेटे को काउंसलिंग के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग पहुंचे।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए ऋषिकेश पुलिस को मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। खन्ना ने कहा कि यह सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि बच्चे के अधिकारों और मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा हमला है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एयरफोर्स अधिकारी और उनकी पत्नी का वैवाहिक जीवन 15 साल तक सामान्य रहा। दोनों के दो बेटे हैं। करीब पांच साल पहले पत्नी प्रॉपर्टी डीलर के संपर्क में आई और बड़े बेटे को लेकर मायके चली गई। छोटा बेटा पिता के साथ रह रहा था। आरोप है कि हाल ही में महिला अपने साथियों के साथ ऋषिकेश स्थित एक दुकान पर कब्जा करने की नीयत से पहुंची। वहां मौजूद छोटे बेटे पर हमला किया और दुकान का डीवीआर भी उठा ले गई। इस घटना ने मासूम को गहरे सदमे में डाल दिया।
पिता की शिकायत पर आयोग ने सुनवाई शुरू की है। अब तक दो बार हुई सुनवाई में मां या उसके पक्ष से कोई उपस्थित नहीं हुआ। आयोग की ओर से महिला को कई बार बुलावा भेजा गया, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल पाया