देहरादून/मिर्जापुर
भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र (89) का शुक्रवार सुबह मिर्जापुर के गंगा दर्शन कॉलोनी स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।
बीते शनिवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें मिर्जापुर के रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी रही। उनकी पुत्री और केबी कॉलेज की प्रोफेसर नम्रता मिश्रा ने बताया कि सुबह करीब 4:15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज शाम वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर होगा।पंडित छन्नूलाल मिश्र लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
उनकी पीठ में बेड सोर और शरीर में खून की कमी के कारण हालत नाजुक थी। दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में उन्हें दो यूनिट रक्त चढ़ाया गया, लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका। नम्रता ने बताया, “बाबूजी लंबे समय से बीमार थे। आज सुबह वे हमें छोड़कर चले गए।”पंडित छन्नूलाल मिश्र ने बनारस घराने की ख्याल और ठुमरी गायकी को विश्व पटल पर नई पहचान दी।
उनकी मधुर आवाज और शास्त्रीय संगीत के प्रति समर्पण ने उन्हें देश-विदेश में लाखों प्रशंसक दिलाए। 2010 में उन्हें पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन से अत्यंत दुख हुआ। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाया और भारतीय परंपरा को विश्व में प्रतिष्ठित किया। 2014 में वाराणसी सीट से वे मेरे प्रस्तावक रहे, मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद हमेशा मिला।
उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!”पंडित जी के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है। उनके प्रशंसक और शिष्य मणिकर्णिका घाट पर उनकी अंतिम विदाई के लिए जुट रहे हैं। यह नुकसान भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए अपूरणीय क्षति है।