देहरादून/हरिद्वार
गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर से बिजली चोरी और स्मार्ट मीटर में छेड़छाड़ का मामले ने हड़कंप मचा दिया है।
यूपीसीएल मुख्यालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए विद्युत वितरण खंड रुड़की के प्रभारी अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी और मंगलौर के जेई अनुभव सैनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही उपनल कर्मचारी समेत 5 और लोगों पर मुकद्दमा भी दर्ज किया गया है। जबकि दोनों अधिकारियों को अलग-अलग मुख्य अभियंता कार्यालयों से संबद्ध किया गया है। 3 दिन पहले ही पुलिस ने बिजलीघर के पास से कुछ लोगों को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी। यूपीसीएल की जांच टीम ने मौके पर जांच की तो यह साफ हो गया कि बिजलीघर के भीतर लगे मीटर से छेड़छाड़ कर बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की जा रही थी। मामले में उपनल कर्मचारी अकरम अली समेत पाँच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
यूपीसीएल निदेशक (परिचालन) एमआर आर्य ने अधिकारियों पर गहरी जिम्मेदारी तय करते हुए निलंबन की कार्रवाई की और उनकी जगह नए अफसरों को कार्यभार सौंपा गया। इस प्रकरण पर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि एक एसडीओ को अधिशासी अभियंता का प्रभार आखिर किस आधार पर दिया गया था।
लेकिन यहां मामला अजीबोगरीब हो जाता है जब मुकदमा सिर्फ फैक्ट्री कर्मचारियों पर दर्ज किया गया है, और मालिक का नाम एफआईआर से गायब है। इससे संदेह गहराया है कि कर्मचारियों के माध्यम से मालिक को बचाने की कोशिश की जा रही है। मामले में पारदर्शिता और सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
पूरे मामले की गहन जांच के लिए यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर फैक्ट्री मालिक पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
प्रबंधन ने रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र की सभी उच्च खपत वाली स्टील फैक्ट्रियों और अन्य उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट कराने का आदेश दिया है। जांच में जहां भी गड़बड़ी पकड़ी जाएगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी।
बड़ी फैक्ट्रियों में डबल मीटरिंग सिस्टम होता है-एक मीटर फैक्ट्री परिसर में और दूसरा बिजलीघर में। बावजूद इसके, यहां दोनों मीटरों से छेड़छाड़ की गई थी। इससे यूपीसीएल की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवालों केजवाब में यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि हमने अधिशासी अभियंता स्तर तक अधिकारियों को निलंबित किया है। पूरे क्षेत्र की एनर्जी अकाउंटिंग कराई जाएगी। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी सामने आई तो कठोर कार्रवाई होगी। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।