देहरादून
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार को विश्व आघात सप्ताह(वर्ल्ड ट्रॉमा वीक) 2025 का विधिवत समापन हो गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले उत्तराखंड राज्य में ट्रॉमा चिकित्सा को लेकर एम्स ऋषिकेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने राज्य के गंभीर मरीजों की चिकित्सा में बेहतर कार्य को लेकर एम्स ऋषिकेश की सराहना भी की।
शुक्रवार को एम्स के ऑडिटोरियम में विश्व ट्रॉमा दिवस पर संस्थान की ओर से आयोजित किए जा रहे सप्ताहव्यापी जनजागरूकता अभियान के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सूबे के पूर्व सीएम व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ी राज्य की भौगोलिक परिस्थिति यहां समय समय पर होने वाली दुर्घटनाओं और आपदाओं में गंभीररूप से घायल होने वाले लोगों का जीवन बचाने के लिए एम्स का ट्रामा एवं क्रिटिकल केयर विभाग अहम भूमिका निभा रहा है। कहा कि ऐसी घटनाओं में घायलों अथवा गंभीर बीमार मरीजों को हायर सेंटर तक पहुंचाने में पहले कठिनाइयां आती थी, जिससे उन्हें बचाया नहीं जा सकता था, मगर जब से एम्स की पहल पर राज्य में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू हुई है, काफी हद तक इस सेवा के जरिए एम्स पहुंचे मरीजों की जीवन रक्षा संभव हो पाईहै।
उन्होंने आपात स्थितियों में लोगों की जान बचाने के लिए इस तरह की जरूरी सेवाओं के प्रचार प्रसार पर जोर दिया है जिससे आम जनमानस को इस तरह के सेवाओं के प्रति जागरुक हो सकें। सांसद ने ऐसे मामलों में सिविल सोसाइटी की भूमिका सुनिश्चित करने पर जोर दिया और उन्हें अधिकार संपन्न बनाने की जरुरत बताई।
इस अवसर पर सांसद रावत ने अपनी निधि से एम्स को दी गई रोगी ट्रांसपोर्ट सेवा वाहन की चाबी निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह को सौंपी।
कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ एम्स प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि एम्स का ट्रॉमा सेंटर देश के नंबर वन ट्रामा सेंटर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा एवं अनुसंधान में सतत योगदान के लिए एम्स दिल्ली के बाद ऋषिकेश एम्स नंबर दो श्रेणी में है।
संस्थान की निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि संस्थान हरवर्ष वर्ल्ड ट्रॉमा डे को पूरे प्रदेश में जनमानस में जनजागरूकता के लिए ट्रॉमा वीक के रूप में मनाता है, जिसके तहत संपूर्ण उत्तराखंड में ट्रॉमा मामलों को लेकर विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्मय से लोगों को ऐसे मामलों में सजग रहने और अपनी अहम भूमिका निभाने को प्रेरित किया जाता है।
उन्होंने ट्रॉमा मामलों को कोविड की तरह पेंडेमिक बताया और इस तरह के मामलों के लिए क्षेत्र के लिहाज से बेहतर गाइड लाइन तैयार कर उसके क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपनी निधि से एम्स को मरीजों की आवागमन की सुविधा के लिए दान किए गए वाहन के लिए उनका संस्थान की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक बालिजा सत्याश्री ने एम्स संस्थान की ओर से विभिन्न स्तर पर चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व विद्यालयों में दी जा रही ट्रॉमा जनजागरूकता कार्यक्रमों एवं प्रशिक्षण में निरंतरता लाने पर जोर दिया, जिससे लोग जीवन के संरक्षण जैसे गंभीर मामलों में प्रशिक्षण के बाद सतत अभ्यास में रहेंऔर समय आने पर अपनी भूमिका निभा सकें।
ट्रॉमा एवं क्रिटिकल विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम ने सड़क दुर्घटनाओं में रोकथाम के लिए जरूरी उपायों पर जोर दिया जिससे लोग गंभीर चोटों और जीवन गंवाने से बच सकें। उन्होंने बताया कि जनजागरूकता के अभाव में कईदफा दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले परिवार जीवनभर आर्थिक व अन्य स्तर पर उबर नहीं पाते अवसादग्रस्त होकर समाज की मुख्यधारा से कट जाते हैं।
प्रो. आजम ने ट्रॉमा ग्रसित मरीजों व उनके परिवारों की सहायता के लिए सोसाइटी द्वारा अपनी भूमिका सुनिश्चित करने पर जोर दिया जिससे उन्हें दोबारा सामान्य जीवन जीने में मदद मिल सके।
एम्स हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल ऑफिसर डॉ. मधुर उनियाल ने एम्स के वर्ल्ड क्लास ट्रॉमा सेंटर के विकास, कार्यप्रणाली व आघात चिकित्सा के मामलों में ट्रॉमा सर्जंस के योगदान पर विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि संस्थान के ट्रॉमा विभाग की ओर से निरंतर ट्रॉमा की बेसिक ट्रेनिंग का आयोजन कर विभिन्न वर्गों को प्रशिक्षित किया जा रहा है,जिससे मरीजों को समय रहते प्राथमिक चिकित्सा देकर उनके जीवन को संरक्षित किया जा सके।
इस अवसर पर एम्स ट्रॉमा विभागके डॉ. भास्कर सरकार ने विभाग की ओर से कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मौके पर संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह, सीएनओ अनीता रानी कंसल, एम्स ट्रॉमा सर्जन नीरज कुमार, डॉ. रूबी कटारिया,एसएनओ अखिलेश उनियाल, शशिकांत आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, निदेशक प्रो. मीनु सिंह, डीन प्रो. जया चतुर्वेदी, एमएस प्रो. बी. सत्याश्री ने विश्व आघात सप्ताह के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले विभिन्न विभागों के चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसर्स, तकनीशियनों एवं अन्य स्टाफ सदस्यों को प्रशस्तिपत्र व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।