देहरादून
राफेल की स्थापना 1959 में देहरादून (उत्तराखंड) में ग्रुप कैप्टन लॉर्ड जेफ्री लियोनार्ड चेशायर ऑफ़ वुडहॉल, वीसी, ओएम, डीएसओ, डीएफसी और उनकी पत्नी, बैरोनेस सू राइडर ऑफ़ वारसॉ, सीएमजी, ओबीई द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। उनका मिशन सर्वव्यापी था।
राफेल एक विधिवत पंजीकृत धर्मार्थ संस्था है। यह समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों और बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करती है।
राफेल अपने लाभार्थियों को कम लागत पर अपनी सभी सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करता है और वित्तीय सहायता के लिए अपने लाभार्थियों पर निर्भर है।
राफेल टीम ने विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर 3 दिसंबर 2025 को जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी), गांधी शताब्दी अस्पताल में एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नाटक का मुख्य उद्देश्य विकलांगता के बारे में जानकारी प्रदान करना, उससे जुड़ी उपेक्षा और मिथकों/भ्रांतियों को दूर करना और निदान एवं उपचार के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करना था।
नाटक का मंचन राफेल के विशेष शिक्षकों साक्षी,सुशीला,प्रशांत, मंजू, नीरज, चीना, शमा,अंकित और एक विकलांग बच्ची, सोना द्वारा किया गया।
