देहरादून
उत्तराखण्ड महिला मंच के बैनर तले बड़ी संख्या मे गांधी पार्क के बाहर प्रदर्शन कर , उत्तराखंड में जन समस्याओं विशेष कर राज्य में तेजी से बढ़ते नशे के प्रति सरकार के गैर जिम्मेवार रवैये के विरोध में प्रदर्शन करके अपना उग्र आक्रोश व्यक्त किया I
पूर्व तय होने के बाबजूद ज्ञान लेने सिटी मजिस्ट्रेट की जगह तहसीलदार को भेजे जाने पर चक्काजाम को महिलाएं उतारू हुईं।
उत्तराखंड महिला मंच की विभिन्न क्षेत्रों से पहुंची लगभग 200 महिलाओं ने प्रदर्शन में भाग लिया l वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि महिला मंच लगातार नशे के विरुद्ध अपनी आवाज़ उठता रहा है पर बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि जहां एक ओर राज्य सरकार राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाते हुए अपनी उपलब्धियों के बखान करते नहीं थक रहा है लेकिन वहीं दूसरी ओर हम इस सच्चाई को देख रहे हैं कि इन पच्चीस वर्षों में उत्तराखंड आकंठ नशे में डुबो दिया गया है। हम शराब विरोधी आंदोलन करते हुए थक गए लेकिन आज तो हमारे राज्य में ड्रग्स और अन्य नशे के कारोबार ने युवाओं और बच्चों के भविष्य को बरबाद कर दिया है।
सभा का संचालन करते हुए निर्मला बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में शराब की दुकानें हर छोटे बड़े कस्बों, प्रतिबन्धित स्थानों, धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थाओं के निकट, सुविधा जनरल स्टोरों तक में खोल दी गई हैं। ड्रग्स और सूखा नशा बेचने वाले तस्कर खुले आम मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। देहरादून हल्द्वानी से लेकर दुरस्थ पहाड़ों में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है लेकिन इसको रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये जा रहे हैं। सरकार में बैठे मुख्यमंत्री हों या अन्य सत्तानसीन सब मात्र बयान बाजियों में लगे हुए हैं I उषा भट्ट ने कहा कि आज घर घर मे यह सोचने को मजबूर हैं कि आखिर हमारे बच्चों का भविष्य नशे से कैसे सुरक्षित होगा।
पद्मा गुप्ता ने आव्हान किया कि अब एक बार फिर इस मुद्दे पर बड़ी लड़ाई को तैयार रहना चाहिए क्योंकि सरकार को जनता की तनिक भी परवाह नहीं रह गई है l
कमला पंत ने कहा कि
महिला मंच का स्पष्ट कहना है कि सरकार सबसे पहले तो तत्काल- हर तरह के ड्रग्स बेचने वालों और ड्रग्स ( सूखा नशा) बेचने वालों व इनके सप्लायर्स के खिलाफ युद्ध स्तर पर करवाई करके इस पर नियंत्रण करे I क्योंकि ये नशा भावी पीढ़ी के भविष्य के लिये सबसे बड़ा खतरा है,इसी के साथ ग्रोसरी के नाम पर शराब बिकवाना भी तत्काल बंद करे।
उक्त के अलावा भुवनेश्वरी कथेट , भगवान रावत,विमला, सुशीला अमोली ने भी अपने विचार रखे l मांग की गई कि शिक्षण संस्थाओं, धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक पार्को, पूर्व में प्रतिबन्धित स्थानों से शराब की दुकाने तत्काल हटायी जाएँ।
-पार्को, चौराहों, मलिन वस्तियों, विद्यालयों के निकट ठेली, खोखा आदि की नियमित जांच की जाय।
-युवाओं के बीच सरकारी स्तर पर नशा विरोधी आंदोलन कारियों का साथ लेते हुए नशे विरोधी प्रचार प्रसार करने के लिए कैम्प इत्यादि का आयोजन किया जाय। – प्रदर्शन मे इंसानियत मंच व विभिन्न अन्य संगठन के साथियों ने भी भरपूर सहयोग दिया I
हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बी पी नॉटीयाल ने भी मंच की इस लड़ाई में पूरा साथ सहयोग प्रदान करने की घोषणा की l
महिलाओं का यही कहना था कि उत्तराखंडवासियों के लिए नशा मुक्ति के लिए सरकार मात्र बयानबाज न बनकर वास्तव मे यह कार्य करे तो उसके लिए वही असली उपलब्धि होगी ।
