देहरादून
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दी और विभाग के खिलाफ दून मेडिकल कॉलेज में मंच के पदाधिकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।जिलाधिकारी I MA पासिंग आउट परेड में मौजूद थे तो उनकी अनुपस्थिति में उपजिलाधिकारी हरिगिरी और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दे दी।
शनिवार 13-दिसम्बर को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक से चलकर दून अस्पताल परिसर मॆं पहुंचकर लचर स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारों को लेकर स्वास्थ्य मन्त्री के खिलाफ खूब नारे बाजी की।
प्रदेश मॆं लगातार गिरती स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिल्कुल लचर होती जा रही हैं। जिसमें मेडिकल कॉलेज से लेकर सभी जिला अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिन्ता जताते हुये आक्रोश व्यक्त किया एवं माननीय मुख्यमन्त्री से मांग की क़ि यां तों यह विभाग स्वयं देखें या किसी कुशल विधायक को स्वास्थ्य मन्त्री का जिम्मा दें ताकि आज 25-वर्षों बाद भी स्वास्थ्य विभाग की हालत ठीक हो सकें।सभी आंदोलनकारियों ने स्वास्थ्य मन्त्री के खिलाफ नारे बाजी की।
आवाज सुनकर दून मेडिकल कॉलेज के CMS डा॰ एनएस बिष्ट आयें और वार्ता करने को आमंत्रित किया। इस पर प्रदेश प्रवक्ता ने प्राचार्य डा॰ जैन से वार्ता करने की बात की।
राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष व प्रदेश प्रवक्ता ने नाराजगी जताते हुये कहा क़ि दून अस्पताल मॆं आयें दिन महिलाओं और अन्य लोगो को अल्ट्रासाउण्ड समेत कई समस्याओं से जूझना पड़ता हैं और प्राइवेट अस्पतालों मॆं इलाज आदि कराने को मजबूर किया जाता हैं साथ ही दवाइयां बाहर से लिखीं जाती है। तों प्राचार्य असहज हो गई और कहने लगी क़ि कभी कभी दिक्कत हो रही हैं हमने प्रस्ताव शासन को भेजा हैं। महासचिव रामलाल खंडूड़ी एवं संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी और युद्धवीर सिंह चौहान ने कहा क़ि अस्पताल के टॉयलेट मॆं गंदगी रहती हैं आप औचक निरीक्षण करें क़ि डॉक्टर ठीक से मरीज देख रहें हैं या नही ऐसे ही सीटी स्केन व एम आर आई कराने मॆं जो भी तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं उन्हें तत्काल दूर कराएं।
द्वारिका बिष्ट एवं राजेश्वरी नेगी के साथ शकुन्तला रावत ने नाराजगी जताते हुये SDM सदर से कहा क़ि अब मुख्यमन्त्री इस विभाग को या तों स्वयं देखें या फिर किसी दूसरे विधायक को स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दें अन्यथा राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर आने को विवश होंगे।
आंदोलनकारी मंच द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमन्त्री को प्रेषित ज्ञापन प्रेषित करते हुये SDM सदर हरीगिरी को सौंपा गय। प्रेषित ज्ञापन मॆं जिला अस्पतालों की लचर व्यवस्था को देखते हुये बिन्दुवार मांग की हैं क़ि जिसमें मुख्यमन्त्री को सम्बोधित करते हुये लिखा क़ि आज 25-वर्षों बाद भी हमारें प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था चाकचौबंद नहीं हो पाईं। अतः आप स्वास्थ्य विभाग को स्वयं अपने हाथों मॆं लें या किसी कार्य करने वाले विधायक को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान करें।
क्योंकि स्वास्थ्य मन्त्री इन अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों की सुध लें पा रहें हैं और ना ही जनता उनसे मिलकर अपनी शिकायत और पीड़ा रख पा रही हैं। मन्त्री व सचिव इतना हा हा कार के बाद इसमें ठोस सुधार नहीं कर पा रहें हैं पहाड़ों के अस्पताल असुविधाओं के चलते रेफर सेन्टर का कार्य कर रहें हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार को लेकर पहाड़ों से जागरूक यात्रा निकालने को मजबूर होना पड़ रहा हैं। इसके साथ ही अन्य मांगों में…
*01-* प्रदेश के जिला अस्पताल कोरोनेशन मॆं अभी तक MRI एवं डिजिटल एक्सरे की सुविधा नहीं। कोरोनेशन दबाव कम करने हेतु कुछ डॉक्टर और सुविधाओं को गांधी शताब्दी मॆं बैठाना चाहियॆ जिससे अस्पताल प्रशासन और जनता दोनों को राहत मिलेगी।
*02-* जिला अस्पताल बनने के बाद आज ब्लड बैंक की सुविधा नहीं साथ ही जिला अस्पतालों मॆं 24-घण्टे रक्त जांच की सुविधा क्यों नहीं जो कार्य बाहरी संस्थाओं को दिया जा रहा हैं वह हमारें नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टरों की भांति रक्त बेंक की भांति लेब कर्मचारी भी ड्यूटी रोस्टर मॆं जांच कर सकते हैं।
*03-* महोदय यदि जिले मॆं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला चिकित्सालय मॆं पूरी व्यवस्था चाकचौबंद होगा तों दून लोगो को मेडिकल कॉलेज नहीं जाना होगा। पूर्व मॆं दून जिला चिकित्सालय मॆं लगभग सारी व्यवस्थाएं चाकचौबंद हुआ करती थी। CT एवं MRI की सुविधाओं के साथ ही रक्त बैंक दून अस्पताल व महिला चिकित्सालय के मध्य होने से बहुत लाभ मिलता था। गांधी शताब्दी मॆं ज्यादा डिलीवरी हुआ करती थी और सुविधाएं भी ठीक थी इसे कोरोनेशन अस्पताल मॆं ही महिला चिकित्सालय को शिफ्ट करने से मातृशक्ति को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
*04-* गांधी शताब्दी अस्पताल मॆं स्थान होने के बावजूद वर्तमान मॆं ना तों ECG की सुविधा हैं ना कोई फिजिशियन हैं और ना ही कोई बच्चों के डॉक्टर हैं। जिस कारण सारी जनता कोरोनेशन मॆं जमावड़ा लगा रहता हैं। गांधी शताब्दी के शौचालयों का यदि औचक निरीक्षण किया जाय तों गंदगी ही मिलेगी।
*05-* कोरोनेशन अस्पताल मॆं पोस्टमार्टम हेतु जाने वाले तीमारदारों को बारिश मॆं बाहर खड़े रहने को मजबूर रहना पड़ता हैं। अतः मोर्चरी के बाहर एक सेड बनाना आवश्यक हैं।
आज 25-वर्षों के बाद भी हम चिकित्सा क्षेत्र की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ नहीं कर पायें जो दुःखद हैं।
दून मेडिकल कॉलेज आपातकाल मॆं हमेशा ही अवस्था का आलम बना रहता हैं साथ ही ना बेडों की उचित व्यवस्था ना उपकरण सही हैं और ना पूरे उपकरण संख्यां पूरी हैं। आपातकाल मॆं मरीजों के अनुपात मॆं स्टाफ तक पुरा नहीं होने के कारण देर रात तक तीमारदारों को परेशान होना पड़ता हैं।
*06-* आज भी वर्षों से अस्थाई राजधानी मॆं बने दून मेडिकल कॉलेज मॆं हमेशा ही अल्ट्रासाउण्ड और MRI की खराबी या डॉक्टर ना होने के कारण मरीजों को लेकर दूसरे संस्थानों मॆं भटकना पड़ता हैं।
संस्थान मॆं आबादी के अनुसार ICU व HDU वार्डों की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को दूसरे अस्पतालों मॆं रेफर किया जाता है।कई डॉक्टरों द्वारा दवाई बाहर प्राइवेट दुकान से लिखीं जाती हैं जिससे गरीब मरीज बहुत परेशान होता हैं। अस्पतालों व वार्डों के शौचालय अक्सर गंदगी का अम्बार लगा रहता हैं।
अतः मॆं SDM सदर एवं प्राचार्य से मांग की गई क़ि मेडिकल कॉलेज से केंसर के मरीजों को उचित इलाज व व्यवस्थाएं ना मिलने के कारण जो मरीज रेफर किये जा रहें उन्हें उचित इलाज प्रदान करें एवं OPD की व्यवस्था से अक्सर मरीज व तीमारदारों को भटकना पड़ रहा हैं। मरीज के पर्चे पर देखने वाले डाक्टरों की मोहर अवश्य लगानी चाहियॆ ताकि इलाज संबंधी जानकारी और जिम्मेदारी स्पष्ट हो।
प्रदर्शन मॆं वरिष्ठ आंदोलनकारी केशव उनियाल , जगमोहन सिंह नेगी , सुशील त्यागी , दिनेश भण्डारी , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , युद्धवीर सिंह चौहान , विशम्भर दत्त बौंठीयाल , गणेश डंगवाल , बलबीर नेगी , सुशील चमोली , विनोद असवाल , मनोज नौटियाल , सत्या कण्डवाल , शकुन्तला रावत , अरुणा थपलियाल , राजेश्वरी नेगी देवेश्वरी नेगी , संगीता रावत , यशोदा रावत , पुष्पा रावत , गीता नेगी , सुशील विरमानी , नरेन्द्र नौटियाल , सुरेश नेगी , महेन्द्र सिंह नेगी , विरेन्द्र सिंह रावत , हरिकृष्ण पेटवाल , मोहन खत्री , मोहन थापा एवं प्रभात डण्डरियाल , सुनील कुमार आदि उपस्थित रहें।
