देहरादून
बुधवार को दून समग्र विकास अभियान के तहत कांठ बंगला बस्ती में हुई जन सभा में कई सामाजिक एवं राजनैतिक दलों के पदाधिकारी एकत्रित हुए।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ ही उपस्थित सभी लोगों ने बस्ती में हो रही जबरन विस्थापन की कार्यवाही के प्रयास को गैर कानूनी एवं जन विरोधी ठहराते हुए जमकर विरोध दर्ज कराया। 2016 एवं अन्य अधिनियम का उल्लेख करते हुए वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार खुद कानून की धज्जियां उड़ा कर लोगों को जबरन हटाने की कोशिश कर रही है। 2016 के कानून में जनता से वार्ता कर एवं मालिकाना हक देने के लिए या जनता की जरूरतों के अनुसार पुनर्वास करने के लिए स्पष्ट प्रावधान है। लेकिन चाहे एलिवेटेड रोड हो या अतिक्रमण के नाम पर, सरकार गरीब लोगों पर कार्यवाही कर रही है और कानून के खिलाफ भी कदम उठा रही है। कांठ बंगला बस्ती में की जा रही कार्यवाही इसका बड़ा उदाहरण है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आव्हान दिया कि इस प्रकार की गैर कानूनी एवं जन विरोधी कार्यों के खिलाफ लगातार आंदोलन करना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय शर्मा, वरिष्ठ नेत्री गोदावरी थापली, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष उर्मिला थापा और वरिष्ठ नेता पूनम सिंह और शिवानी थपलियाल, वरिष्ठ नेता प्रवीण त्यागी, मालसी के पार्षद शिवशांत बोरा, और अन्य नेताओं के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ सत्यनारायण सचान एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य समर भंडारी ने कार्यक्रम को संबोधित की। कार्यक्रम में चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, सुनीता, राजेश्वरी, सुनीता, गौरीशंकर, मुन्नी देवी एवं सैकड़ों बस्ती के निवासी शामिल रहे।
