देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व में आयोजित दो दिवसीय आदि विज्ञान महोत्सव 2025 का आज दून विश्वविद्यालय परिसर में समापन हुआ।
महोत्सव का आयोजन राज्य जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई), उत्तराखंड द्वारा किया गया, जिसमें जनजातीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए नवाचार, जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में यूकॉस्ट के निदेशक एवं मुख्यमंत्री उत्तराखंड के सलाहकार दुर्गेश पंत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
एटीएस एवं आईटीआई विद्यालय श्रेणी में एटीएस बिनसौन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि एपीएचएसएस गर्ल्स लाखामंडल ने द्वितीय और एपीएचएस खटीमा ने तृतीय स्थान हासिल किया।
वहीं, ईएमआरएस श्रेणी में ईएमआरएस चकराता मेहरावना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि ईएमआरएस खटीमा और ईएमआरएस कालसी क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे।
कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के परिणाम भी घोषित किए गए। सीनियर श्रेणी में एटीएस गर्ल्स लांगापोखरी ने प्रथम और एटीएस हरिपुर कालसी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्राइमरी श्रेणी में एटीएस गर्ल्स खटीमा विजेता रहा, जबकि एटीएस बिनसौन उपविजेता बना।
समारोह को संबोधित करते हुए यूकॉस्ट के निदेशक दुर्गेश पंत ने कहा, यह विज्ञान महोत्सव राज्य के जनजातीय विद्यार्थियों के लिए असीम अवसर प्रदान करता है। विज्ञान मूल रूप से ब्रह्मांड को समझने का माध्यम है और ऐसे मंच बच्चों की जिज्ञासा को प्रज्वलित करते हैं। हमें प्रसन्नता है कि सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को उत्तराखंड विज्ञान केंद्र भ्रमण का अवसर दिया जाएगा। टीआरआई द्वारा आयोजित इस प्रकार की पहल समाज के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं और माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड देश में विज्ञान के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।
इस महोत्सव में ईएमआरएस, एटीएस और आईटीआई सहित कुल 24 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों को विज्ञान मॉडल प्रदर्शित करने के साथ-साथ साइंस शो, पवेलियन कार्यशालाओं और प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियों में सहभागिता का अवसर मिला।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण इंटरैक्टिव साइंस शो रहे, जिनका उद्देश्य वैज्ञानिक अवधारणाओं को रोचक, व्यावहारिक और सरल बनाना था। इसके अलावा, कई हैंड्स-ऑन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने ड्रोन और मून रोवर तैयार किए, जिससे अनुभवात्मक और नवाचार आधारित सीख को बढ़ावा मिला।
समापन समारोह में टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक एस. एस. टोलिया ने कहा, आदि विज्ञान महोत्सव जनजातीय विद्यार्थियों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। व्यावहारिक अनुभव, नवाचार और प्रयोगों के माध्यम से हम उनमें आत्मविश्वास विकसित करना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य के नए मार्ग खोलना चाहते हैं।
टीआरआई के अपर निदेशक योगेंद्र रावत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, विद्यार्थियों के भीतर जिज्ञासा सदैव जीवित रहनी चाहिए। प्रश्न पूछना और उत्तर खोजना ही सीखने की नींव है। जिज्ञासा और विज्ञान मिलकर आविष्कार को जन्म देते हैं। मैं उपस्थित सभी विद्यार्थियों को जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य तय करने और प्रतिदिन उसके लिए कार्य करने का आग्रह करता हूँ।
समापन समारोह में एटीएस और ईएमआरएस विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंग भर दिए।
कार्यक्रम के अंत में टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी ने कहा, हमारे जनजातीय बच्चों को यूकाडा के माध्यम से हेलीकॉप्टर के कार्य संचालन को देखने का स्वर्णिम अवसर मिला, जो उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक अनुभव रहा। साथ ही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जनजातीय क्षेत्रों में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की जा रही है। विज्ञान और खेलों के साथ-साथ विभाग उत्तराखंड की समृद्ध जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए भी प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा देहरादून में आदि लक्ष्य संस्थान की स्थापना का आश्वासन दिया गया है, जो इंटरमीडिएट के बाद जनजातीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, रोजगार उत्कर्ष योजना के अंतर्गत रोजगार शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें अग्रणी कंपनियों की भागीदारी से योग्य जनजातीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर सामाजिक कल्याण विभाग, उत्तराखंड के सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अददंकी, टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी तथा अतिरिक्त निदेशक योगेंद्र रावत सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिन्होंने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की और टीआरआई की निरंतर वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की प्रशंसा की।
कार्यक्रम का समापन लोक कलाकार अनुज जौनसारी और उनके बैंड की प्रस्तुति के साथ हुआ।

