देहरादून
सरकार ने बदले हेलमेट की बिक्री और उपयोग के नियम, अब कैसे होंगे हेलमेट, इसपर रोशनी डालने की कोशिश करते हैं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया, जिसमें एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ बीआइएस के विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
विशेषज्ञों की इस समिति ने मार्च 2018 में ही हल्के हेलमेट को देश में लाने को हरी झंडी दे दी थी।
खबर के अनुसार अब सरकार ने हेलमेट को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया है। ये बदलाव हेलमेट की बिक्री से लेकर उसे पहनने के तरीके को लेकर भी है। सरकार ने देश में केवल बीआइएस(BIS) मानक के हेलमेट के निर्माण और बिक्री को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही बीआइएस मानक के मानकों में बदलाव कर अपेक्षाकृत हल्के हेलमेट के निर्माण का रास्ता भी साफ कर दिया है। अब विशेषज्ञों की समिति की अनुसंशा को स्वीकार कर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बीआइएस मानक के मानकों में बदलाव को मंजूरी देने का आदेश जारी कर दिया साथ ही देश में सिर्फ बीआइएस मानक के ही हेलमेट के निर्माण और बिक्री को अनिवार्य कर दिया है। जाहिर है अब कोई भी हेलमेट निर्माता बीआइएस मानक से कम गुणवत्ता के हेलमेट का निर्माण नहीं कर सकेगा। मंत्रालय ने देश में हर साल लगभग पौने दो करोड़ दोपहिया वाहनों की बिक्री और बड़ी संख्या में हेलमेट बनाने वाली कंपनियों की मौजूदगी को देखते हुए उम्मीद जताई है कि आने दिनों में उच्च गुणवत्ता के हल्के हेलमेट लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।
दरअसल सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने सरकार से देश की जलवायु को देखते हुए सरकार से बीआइएस मानक के हल्के हेलमेट लाने पर विचार करने को कहा था, ताकि लोग आसानी से हल्के हेलमेट पहन सकें।