देहरादून/उत्तरकाशी
धराली-हर्षिल में अतिवृष्टि के कारण आयी प्राकृतिक आपदा से हर्षिल क्षेत्र में अस्थायी झील बनने तथा कई स्थानों पर सड़क संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने से आवाजाही बाधित हो गई थी।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य के निर्देशन में मार्ग बहाली और आवाजाही को सुचारू करने का कार्य निरन्तर युद्ध स्तर किया जा रहा है।
लिमच्यागाड , डबरानी और सोनगाड जैसे चुनौतीपूर्ण स्थानों पर क्षतिग्रस्त मार्गों को बहाल करके उत्तरकाशी से हर्षिल तक सड़क संपर्क बहाल किया जा चुका हैं साथ ही विकट परिस्थितिया होने पर भी प्रशासन द्वारा हर्षिल , धराली और आसपास के क्षेत्रों में बिजली, पानी और संचार संपर्क भी बहाल कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जन जीवन के सामान्य होने की स्थिति तक आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में रोजमर्रा की सभी जरूरी वस्तुएं तथा खाद्यान्न सामग्री भी लगातार वितरित की जा रही हैं।
जिलाधिकारी द्वारा पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, राजस्व, स्वस्थ, आपूर्ति, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, बीआरओ सहित समस्त संबंधित सरकारी एजेंसियों को आपदा के दौरान सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा के दृष्टिगत गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम यात्रा को बहाल करने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयासरत है तथा इसके लिए जिलाधिकारी प्रशांत आर्य द्वारा सभी संबंधित एजेंसियों को कड़े निर्देश दिये गए हैं।
डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि हर्षिल – गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा हर्षिल के निकट जलमग्न और क्षतिग्रस्त होने से यात्रा बाधित है । जिलाधिकारी द्वारा मार्ग के इस उक्त हिस्से को आवाजाही हेतु जल्द से जल्द बहाल करने के लिए बीआरओ के अधिकारियों को निर्देश दिये। मार्ग के जलमग्न हुए हिस्से की बहाली के लिए बीआरओ द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य जारी है।*