अब बहुरेंगे सेब उत्पादकों के दिन,उत्तरकाशी के किसानों की सेब की फसल खरीदेगी सरकार,धराली के 8 गांव में होता हैं लगभग 10 हजार मीट्रिक टन सेब – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

अब बहुरेंगे सेब उत्पादकों के दिन,उत्तरकाशी के किसानों की सेब की फसल खरीदेगी सरकार,धराली के 8 गांव में होता हैं लगभग 10 हजार मीट्रिक टन सेब

देहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित धराली गांव सहित इसके आस-पास के क्षेत्रों के सेब की सरकार द्वारा खरीद किए जाने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार धराली व इसके आसपास के हर्षिल घाटी के आठ गांव जिनमें धराली, सुक्की, झाला, पुराली, जसपुर, बगोरी, मुखबा आदि में लगभग 10 हजार मीट्रिक टन सेब उत्पादन होता है। हालांकि आपदा के बाद कुछ कमी अवश्य आई होगी फिर भी बचे हुए क्षेत्र का रॉयल डिलीशियस सेब रू. 51/- प्रति किग्रा. तथा रेड डिलीशियस सेब एवं अन्य सेब रू. 45/- प्रति किग्रा. की दर पर (ग्रेड-सी सेब को छोड़कर) उद्यान विभाग के माध्यम से खरीदा जाएगा। इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री घोषणा मद से की जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस संबंध में जारी एक परिपत्र में सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग को तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित कर वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति का शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री को उक्त घोषणा के अनुपालन की वस्तुस्थिति से भी अविलंब अवगत कराए जाने की अपेक्षा की गई है। हालांकि विभाग ने इसके लिए कसरत शुरू कर दे है और जल्दी ही इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

बताते चलें कि उत्तराखंड में 25,785 हेक्टेयर क्षेत्र में हर वर्ष लगभग 62,000 मीट्रिक टन सेब पैदा होता है। इसमें सबसे अधिक 20 से 30 हजार मीट्रिक टन सेब उत्तरकाशी जिले में होता है। जिसमें से अकेले लगभग 10 हजार मीट्रिक टन जिले की हर्षिल घाटी समेत आसपास के 8 गांव पैदा करते हैं

वहीं बाकी का लगभग 10 से 20 हजार मीट्रिक टन नौगांव की स्यूरी फलपट्टी, पुरोला, मोरी के आराकोट, नैटवाड़ आदि का सेब दिल्ली, कानपुर, चंड़ीगढ़, अहमदाबाद व देहरादून की मंडी तक जाता है।

रिलाइंस समेत कई बड़ी कंपनियां और सेब कारोबारी भी यहां पहुंचकर सीधे बागवानों से सेब खरीदते हैं, लेकिन हर्षिल-धराली क्षेत्र में पांच अगस्त को आई आपदा के बाद से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे समेत कई संपर्क मार्ग बंद होने से सेब बाहर नहीं जा पा रहा। इससे मायूस अधिकतर काश्तकारों ने सेब का तुड़ान भी शुरू नहीं किया है।

लेकिन सीएम की घोषणा के बाद किसानों में उत्साह नजर आ रहा है।

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