देहरादून
उत्तराखंड के शराब कारोबारी ने बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर एक विभाग के लगभग 10 करोड़ की रकम का फर्जीवाड़ा किया है। मामला पकड़ में आने पर बैंक ने सीबीआई में शराब कारोबारी और परिजनों और पार्टनरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून के शराब कारोबारियों ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन (यूपीसीएल) के खाते से 10.13 करोड़ रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। इस मामले में सीबीआई ने दून के शराब कारोबारी और उसके तीन पार्टनरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने कारोबारियों के ठिकानों पर छापे भी मारे, जहां से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला पंजाब नेशनल बैंक की गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार शाखा में हुआ है।
शाखा प्रबंधक विकास कुमार ने इस मामले में शिकायत की है। विकास कुमार का कहना है कि रामसागर जायसवाल निवासी नेहरू कॉलोनी देहरादून की रेसकोर्स में द लिकर शॉप के नाम से शराब की दुकान है। इसका करंट अकाउंट उनकी शाखा में चल रहा है। 12 मार्च 2021 को उनके खाते में यूपीसीएल के करंट अकाउंट से 10.13 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। यूपीसीएल का खाता पीएनबी भेल में है।
बैंक अधिकारियों ने पता चलने के बाद इसकी जांच कराने से पता चला कि यह पैसा बैंक के कर्मचारियों मोहित कुमार और मनीष शर्मा की मदद से ट्रांसफर किया गया है। बैंक ने रिकवरी शुरू की तो कुल 3.65 करोड़ रुपये ही रिकवर किए जा सके। लेकिन, अब भी जायसवाल के पास 6.66 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिक जांच की और मुदकमा दर्ज कर लिया। हालांकि सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम अज्ञात में लिखे हैं। उनका कहना है कि जांच के बाद इन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी उजागर किए जाने हैं।
दर्ज मुकदमे में रामसागर जायसवाल के अलावा अनिता जायसवाल निवासी नेहरू कॉलोनी, राजकुमार जायसवाल निवासी उमापुर, बाराबंकी उत्तर प्रदेश और कुलदीप निवासी गोवर्द्धनपुर, लक्सर हरिद्वार को नामजद किया गया है।