देहरादून
एक पुलिस दरोगा ने कानून विशेषज्ञ सीनियर एडवोकेट को ही कानून पढ़ा डाला। हालांकि वकील ने भी मौके के अनुसार निर्णय लिया और दरोगा को बिना जुर्म पर काटे ही चालान की राशि दरोगा के निजी खाते में जमा करवाई।
दारोगा जी यहीं मात खा गए और वकील ने कानून पढ़ाने वाले दरोगा को ही सबूत के साथ लपेट लिया।
मामले के सीनियर पुलिस अफसरों के संज्ञान में आते ही एसएसपी ने दरोगा को लाइन हाजिर कर डाला और मामले की जांच सीओ चंबा को सौंप दी।
ये पूरा मामला टिहरी जिले के चंबा नागणी चौकी से जुड़ा हुआ है। यहां गुरुवार को उत्तरकाशी कोर्ट से दून लौट रहे सीनियर वकील अमित तोमर का चौकी इंचार्ज नागणी दीपक लिंगवाल से रूटीन की चेकिंग के दौरान आमना सामना हो गया।
घटनाक्रम के अनुसार वकील ने अपनी फेसबुक वॉल पर जो घटना का विवरण दिया है, उसके अनुसार दरोगा ने चालान के नाम पर अमित को रोका तो पुलिस के बिना गलती के रोकने पर कानून की जानकार एडवोकेट अमित ने रोकने का कारण पूछने पर यह बात दरोगा और उनके साथ ही मौके पर मौजूद सिपाहियों को नागवार गुजरी।
एडवोकेट अमित का कहना है कि जब उनकी कार के सभी कागजात सही होने के बावजूद दरोगा साहब ने 500 रूपए का चालान काट दिया। बस यहीं से अमित ने भी दरोगा को कानून पढ़ाने की कसम खाई। अमित ने चालान की रकम ऑनलाइन जमा करने को कहा तो दरोगा ने अपने पर्सनल मोबाइल नम्बर पर रकम ले ली।
अमित के दून वापस लौटने पर दरोगा के द्वारा सरकारी चालान की रकम ऑनलाइन अपने खाते में जमा करवाने को नियम विरुद्ध बताते हुए फेसबुक वॉल पर रसीद ही डाल दी। मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आया तो एसएसपी ने भी जांच के निर्देश दे दिए ।
एसएसपी नवनीत भुल्लर ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई कर दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। पूरे मामले की ठोस जांच के आदेश सीओ चंबा सुरेंद्र प्रसाद बलूनी को सौंपी गई थी।
सीओ बलूनी ने चौकी इंचार्ज के लाइन हाजिर होने तथा जांच की पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल वह थत्यूड़ में पंचायत उप चुनाव में व्यस्त हैं। यहां से लौटने पर ही आगे की कार्रवाई के बारे में बता पाएंगे।