माकपा ने UKSSSC पेपर लीक मामले में भाजपा सरकार का पुतला किया दहन,सरकार को नकल रोकने के लिए सुझाए 3 उपाय – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

माकपा ने UKSSSC पेपर लीक मामले में भाजपा सरकार का पुतला किया दहन,सरकार को नकल रोकने के लिए सुझाए 3 उपाय

देहरादून

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक के मामले ने राज्य सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया।आरोप लगाया कि वह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है ।

पार्टी ने कहा है कि 21 सितंबर 2025 को आयोजित हुई UKSSSC की इस परीक्षा में पेपर लीक का मामला तब सामने आया जब परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया । आरोप है कि परीक्षा माफियाओं के संरक्षण में हरिद्वार स्थित एक परीक्षा केन्द्र में मोबाइल फोन की सहायता से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर बाहर भेजी जो सरकारी संरक्षण के बिना सम्भव नहीं है । हैरानी की बात है कि जहाँ से पेपर लीक हुआ वहां जैम्बर व्यवस्था जानबुझकर नहीं की ग ई ताकि सरकार के संरक्षण में पल रहे नकल माफियाओं को लाभ पहुंचाया जा सके ।

पार्टी ने मांग की है कि इस मामले ने सरकार द्वारा नकल रोकथाम के लिए बनाए गए कानून की धार को कमजोर कर दिया है। पूरे राज्य में युवाओं के द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं और सरकार पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ” सरकार के द्वारा एसआईटी जांच करवाने के बजाय सीबीआई जांच करवानी चाहिए। और जैमर न लगने जैसी चूकों ने परीक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों को उजागर किया है, जिससे आयोग और प्रशासन की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं इसलिये आयोग अध्यक्ष सहित परीक्षा व्यवस्था में लगे सभी जिम्मेदार लोगों को उनके पदों से हटाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर वक्ताओं ने पेपर लीक का मामला केवल एक भ्रष्टाचार का मामला नहीं, बल्कि एक सामाजिक अन्याय का मामला है, जो समाज के युवाओं, कमजोर और वंचित तबके के युवाओं के शिक्षा और रोजगार पाने के अवसरों को सबसे ज्यादा कुचलती हैं।

·वक्ताओं ने कहा प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और दोषियों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही, इस बात पर जोर दे दिया हैं कि केवल छोटे मोहरे नहीं बल्कि पूरे तंत्र में मौजूद बड़े “मास्टरमाइंड” की पहचान की जाए।

वक़्तओं ने प्रदर्शनरत युवाओं की मांगों, जैसे कि सीबीआई जांच और पारदर्शी तरीके से परीक्षा दोबारा आयोजित करने, को एक मंच प्रदान करके उनके संघर्ष को वैधता को जायज ठहराया।

वक्ताओं ने घटना के तात्कालिक समाधान के साथ-साथ, सभी भर्ती प्रक्रियाओं में व्यवस्थागत सुधारों की मांग की है। इनमें तकनीकी सुरक्षा उपायों को मजबूत करना और आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार करते पारदर्शिता लाना ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

इस अवसर पर पार्टी केन्द्रीय कमेटी सदस्य कामरेड राजेन्द्र नेगी,राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, जिला सचिव शिवप्रसाद देवली, देहरदून सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू महमन्त्री लेखरज, किसान सभा महामंत्री कमरूद्दीन ,जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्ष माला गुरूंग ,उपाध्यक्ष नुरैश अंसारी, एसएफआई जिला महमन्त्री आया खान ,कनिका, भगवन्त पयाल, पुरूषोत्तम बडोनी, सुधा देवली,अमर बहादुर शाही, हिमन्शु चौहान, एन एस पंवार,विनोद कुमार, नरेंद्र सिं‌ह, प्रेमा गड़िया ,याकूब अली आदि थे ।

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