देवभूमि उत्तराखंड लोक विरासत 2023 का आयोजन होगा 2 दिसम्बर से,पहाड़ की हरसिल से धारचूला तक की हर ड्रेस का होगा प्रदर्शन… डॉ केपी जोशी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

देवभूमि उत्तराखंड लोक विरासत 2023 का आयोजन होगा 2 दिसम्बर से,पहाड़ की हरसिल से धारचूला तक की हर ड्रेस का होगा प्रदर्शन… डॉ केपी जोशी

देहरादून

उत्तराखंड की संस्कृति, कलाकारों और पारम्परिक वाद्ययंत्रों को बढ़ावा देने के मकसद से उत्तराखंड लोक विरासत 2023 तीसरा आयोजन इस साल भी होने जा रहा है।

हालांकि पिछले कार्यक्रमों की तुलना में इस बार राज्य के विभिन जिलों के रीजनल वेशभूषा का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

राज्य की इस लोक विरासत का आयोजन आगामी 2 और 3 दिसंबर को हरिद्वार बाईपास स्थित सोशल बलूनी स्कूल में किया जाएगा।

उपरोक्त जानकारी चारधाम अस्पताल के निदेशक डॉ केपी जोशी उत्तराखंड प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में दे रहे थे।

रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान संस्कृति प्रेमी डॉ केपी जोशी ने उत्तराखंड लोक विरासत के आयोजन के पीछे के मकसद का खुलासा करते हुए बताया कि राज्य के आर्टिस्ट को कैसे प्लेटफॉर्म देना है इस पर हमारा मुख्य फोकस रहता है।

उदाहरण स्वरूप पहाड़ में रिंगाल की टोपी काफी प्रचलित है। इस उत्पाद को शहरों में बढ़ावा देकर गांव के लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है।

ऐसी कलाओं और कलाकारों को आगे मंच देने का प्रयास है, जिन्हें लोग जानते नहीं है। जैसे संगीत, नृत्य, ढोल से जुड़े कलाकारों को मंच देकर रोजगार से जोड़ना है। बताया कि लोक विरासत में पहाड़ के लोक गीत, वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन होगा।

विलुप्त होती कला को आगे बचाने का काम किया जा रहा है। कार्यक्रम का मकसद है कि नई पीढ़ी को उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ना है।

कलाकारों के हुनर को बिक्री का बाजार दिलाना है। पहाड़ से पलायन रोकने का भी हमारा मकसद है। उत्तराखंड के प्राचीन संगीत को आगे लाना है। लोक विरासत में हर्षिल से लेकर धारचूला तक रिजनल ड्रेसज का प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तराखंड लोक महात्सव में पहाड़ी खानों का स्टॉल होगा और हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी लगेगी।

उन्होंने बताया कि आगामी 2 ओर 3 दिसम्बर को होने वाले लोक विरासत में संगीत संध्या का आयोजन भी होगा। जिसमे लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भरतवाण, मीना राणा, संगीता धौंडियाल, सौरव मैठाणी आदि लोक विरासत में शिरकत करेंगे। वहीं उद्योग विभाग के पूर्व निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया कि लोक विरासत जैसे कार्यक्रम में राज्य के अलग-अलग जनपदों की अलग अलग लोक कला को लेकर एक मंच में सभी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

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