द्रौपदी का डांडा एवलांच में लापता पर्वतारोहियों के रेस्क्यू अभियान में लगे वायुसेना के हेलीकॉप्टर वापस रवाना,जरूरत पड़ने पर दोबारा मंगाए जा सकते हैं

देहरादून/उत्तरकाशी

उत्तराखंड में सीमांत जनपद उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा पीक पर 4 अक्तूबर को 42 सदस्यीय दल ट्रैकिंग के दौरान आए एवलांच के दौरान हुई एक दुर्घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) उत्तरकाशी के दो ट्रेनीज अभी भी लापता हैं।

जिनमें एक ले. कर्नल और दूसरा नौसेना का नाविक है। जिनकी तलाश में शनिवार को भी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग, निम और सेना की टीम ने खोज एवम बचाव अभियान चलाया।

वहीं प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान में लगे वायु सेना के हेलीकॉप्टर लौटा दिए हैं। अब वायु सेना की टीम को तभी रेस्क्यू अभियान में बुलाया जाएगा, जब लापता प्रशिक्षुओं का पता चलेगा।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का 42 सदस्सीय एडवांस कोर्स का प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल चार अक्टूबर की सुबह समिट कैंप से द्रौपदी का डांडा के आरोहण के लिए रवाना हुआ था। इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक और 27 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आए थे। दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं। इस घटना के रेस्क्यू अभियान के लिए वायु सेना से मदद मांगी गई थी। रेस्क्यू अभियान में वायु सेना का एक एएलएच हेलीकॉप्टर और दो चीता हेलीकॉप्टर भी जुटे थे।फिलहाल रेस्क्यू कार्य में वायु सेना की टीम और हेलीकॉप्टर की आवश्यकता नहीं है। इसलिए फिलहाल इनको वापस लौटाया जा रहा हे।

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