ग्राम सभा सदस्य पद के लिए अत्यंत कम नामांकन होने से बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जाने की आशंका है… करण माहरा – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

ग्राम सभा सदस्य पद के लिए अत्यंत कम नामांकन होने से बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जाने की आशंका है… करण माहरा

देहरादून

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई। इस पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार ग्राम सभा सदस्य पद के लिए अत्यंत कम नामांकन सामने आए हैं, जिससे बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जाने की आशंका है।

ग्राम पंचायत सदस्य के 55,587 पदों के सापेक्ष बहुत कम नामांकन प्राप्त हुए हैं।

यह दर्शाता है कि सरकार की कार्यप्रणाली और पंचायत चुनावों को लेकर आमजन में भारी उदासीनता व्याप्त है। उपलब्ध आंकड़ों से स्पष्ट है कि जनता में कोई उत्साह नहीं है, जिसके चलते ग्राम पंचायत सदस्य के अनेक पद रिक्त रह सकते हैं। इससे संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और ग्राम सभाओं के गठन में बाधा आ सकती है। यह अत्यंत गंभीर विषय है और सरकार को समय रहते इस पर सजग हो जाना चाहिए था। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भाजपा की धामी सरकार के प्रति ग्राम सभाओं में जनता का विश्वास डगमगाया है।

माहरा ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने साज़िश के तहत छह महीने तक पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए, ताकि निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों के बीच इतना अंतर उत्पन्न हो सके जिससे भाजपा निकाय मतदाताओं के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को प्रभावित कर सके और छह माह की निर्धारित अवधि पूर्ण की जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि सितंबर 2019 के एक सरकारी आदेश को दिसंबर 2019 में संशोधित किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई व्यक्ति निकाय की मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद अपना नाम ग्राम सभा में दर्ज कराता है और बिना नाम कटवाए चुनाव लड़ता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा। ऐसे स्पष्ट दिशा-निर्देश आज तक राज्य सरकार या राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नहीं किए गए हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है।

अब प्रश्न यह उठता है कि राज्य सरकार आगामी समय में कौन सा नया षड्यंत्र रचने जा रही है। उत्तराखंड कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि सितंबर 2019 के आदेश के स्थान पर दिसंबर 2019 में जारी संशोधित आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

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