देहरादून
रिस्पना नदी किनारे किए गए अवैध अतिक्रमण बाउंड्रीवाल आदि को ध्वस्त करने के काम को विरोध के बीच शुरू कर दिया गया है।
हालांकि जगह जगह लोगों ने अपना विरोध दर्ज किया लेकिन अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी और जेसीबी अपना तोडफोड़ का काम करते हुए अतिक्रमण को हटाती रही।
चूना भटटा शहीद राजेश रावत कालोनी के पास भी लोगों ने अवैध कब्जा कर बाउंड्रीवाल बनाई रखी थी जिसे ध्वस्त कर दिया गया। वहीं एक दुकान जो बंद भी थी खाली कराकर उसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया।
इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि यहां पर कई लोग 1986 से निवास कर रहे है लेकिन कागज मांगने पर कई लोग कागज नहीं दिखा पाये।
ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के उपरांत पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा वर्ष 2016 के बाद अस्तित्व में आए अतिक्रमण पर जेसीबी चलाकर अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई ।
इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई एनजीटी के आदेश के क्रम में की जा रही है और जिसके क्रम में नगर निगम ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती से लेकर मोथरोवाला के बीच के 13 किलोमीटर भाग पर 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया था । इनमें वर्ष 2016 के बाद 524 अतिक्रमण पाए गए जिनमे 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, जबकि 12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए हैं।
दूसरी तरफ नगर निगम के नियंत्रण में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था, उस पर भीं 414 से अधिक अतिक्रमण होने की बात सामने आई है। बाकी विभागों व एजेंसियों को छोड़कर नगर निगम ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद 73 अतिक्रमण ध्वस्त किए जाने योग्य पाए गए है उनको भी ध्वस्त किया जायेगा।