देहरादून/उत्तरकाशी
जिला प्रशासन की एक सराहनीय पहल के तहत खनिज न्यास मद से सरकारी स्कूलो को मिली 15 बसों का संचालन शुरू हो गया है। इन बसों का उद्देश्य जिले के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए सुगम और सुलभ परिवहन सुविधा प्रदान करना है। जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट के कुशल नेतृत्व में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया। जिसमें भटवाड़ी ब्लॉक में तीन,नौगांव में पांच,डुंडा में तीन,चिन्यालीसौड़ और मोरी एक-एक और पुरोला में दो बसों का संचालन किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जिले के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। तथा आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
मंगलवार को रा.प्रा.गांधी विद्यामंदिर उत्तरकाशी के नौनिहाल मुख्य बाजार,ज्ञानसू,तिलोथ आदि वार्डों से पहली बार निशुल्क सरकारी बस से स्कूल पहुंचे तो विद्यालय में प्रभारी बीआरसी रामप्रकाश रावत,बीना भट्ट, सुनीता सेमल्टी,जशोदा गुसाईं,निर्मला आदि ने उनका फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया।
उधर नगर पालिका चिन्यालीसौड़ में बीते दिन नन्हें मुन्ने बच्चों को घर से विद्यालय तक लाने हेतु दी गई बस को नगर मंडल अध्यक्ष मनीष कुकरेती व जिला उपाध्यक्ष विजय बडोनी द्वारा पूरी विधि विधान व पूजा अर्चना कर रवाना किया। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया। उल्लेखनीय है कि सीमांत जिले में खनिज न्यास से मद लगभग तीन करोड़ की लागत से 15 बसें खरीदी गई थी।
हाल ही में इन बसों को उत्तरकाशी जिले के उत्कृष्ट आदर्श विद्यालयों के लिए प्रत्येक विकासखण्ड के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जनपद के सभी कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 15 बसों का फ्लैग ऑफ किया था। अब सभी क्लस्टर विद्यालयों में बस सेवा शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए इन बसों की सुविधा उपलब्ध होने से उनके विद्यालय आवागमन में समय की बचत होगी और पठन-पाठन में उन्हें अधिक सुविधा प्राप्त होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने यह कदम न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास में सहायक होगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगा।