देहरादून
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता डा. हरक सिंह रावत ने ईडी की कार्रवाई पर पलटवार करते हुए कहा कि ईडी भी सीबीआई जैसा कारनामा कर रही है। साल 2003 में सीबीआई ने उन्हें जैनी प्रकरण में झूठे मुकदमे में फंसाया था। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोर्ट में उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो वे राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेंगे लेकिन अगर अदालत में निर्दोष साबित हुए तो इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान हरक सिंह ने अपने विरोधियों को चेताते हुए कहा, मैं न दबने वाला हूं, न झुकने वाला। जितनी भी साजिशें कर लो, मैं लड़ता रहूंगा। हरक सिंह ने कहा कि वो दूध के धुले नहीं हैं लेकिन सहसपुर मामले में उनकी कोई गलती नहीं है। ईडी ने गलत मुद्दा छेड़ दिया , जैसे सीबीआई ने 2003 के जेनी प्रकरण में मुझे फंसाया था। बाद में मुझे क्लीन चिट ही मिली थी।
उन्होंने ईडी की कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि सहसपुर की विवादित जमीन उन्होंने 2002 में पूरी तरह कानूनी तरीके से खरीदी थी। इस जमीन का रिकॉर्ड 1962 से पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज था और सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।
हरक सिंह ने याद दिलाया कि इस मामले की जांच पहले भाजपा सरकार में और फिर कांग्रेस की सरकार में हो चुकी है, लेकिन किसी भी जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। अब मामला कोर्ट के सामने है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
उन्होंने ईडी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर एजेंसी आरोप साबित कर दे, तो वे तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर निर्दोष निकले तो कानूनी लड़ाई लड़कर साजिश रचने वालों को बेनकाब करेंगे। भाजपा पर हमला करते हुए हरक सिंह ने कहा कि पार्टी अब अपने आदर्शों से भटक चुकी है और विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है। शुक्रवार को ईडी ने मनी लांड्रिंग के केस में पूर्व मंत्री हरक सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
पत्रकार वार्ता के दौरान ज्योति रौतेला, वीरेंद्र पोखरियाल,डॉ जसविंदर गोगी,अमरजीत सिंह, डॉ प्रतिमा सिंह,नवीन जोशी आदि मौजूद थे।