देहरादून
डीजीपी उत्तराखण्ड, दीपम सेठ के मार्गदर्शन में, साइबर पुलिस निरंतर लोगों के पैसे बचाने, जागरूकता अभियान चलाने और देश भर से गिरफ्तारियां करने में सक्रिय है। साथ ही, साइबर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर साइबर पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम भी प्रभावी रूप से किया जा रहा है। अभियोगों की समीक्षा ADG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. वी. मुरुगेसन तथा IG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. नीलेश आनंद भरने द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जाती है।*
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस
टीएफ, नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण वर्ष 2021 का है, जिसमें पीड़ित निवासी देहरादून ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराया था। जिसमें पीड़ित ने गूगल पर उपलब्ध फर्जी पंजाब नेशनल बैंक कस्टमर केयर नंबर 18004127881 पर कॉल किया, जहाँ कॉल रिसीव करने वाले अभियुक्त ने स्वयं को बैंक अधिकारी बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के नाम पर लिंक भेजा तथा बाद में व्हाट्सएप नंबर से अतिरिक्त जानकारी प्राप्त की। अभियुक्तों ने प्राप्त विवरण एवं ओटीपी का दुरुपयोग करते हुए पीड़ित के खाते से कुल ₹14,08,800/- की धनराशि विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दी। मामले की विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध साक्ष्य पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की गई थी। प्रकरण में न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखण्ड के दिशा-निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, सहायक पुलिस अधीक्षक कुश मिश्रा व पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा तथा विवेचना अधिकारी निरीक्षक विजय भारती द्वारा किया गया। अपर उपनिरीक्षक मुकेश चन्द्, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा लगातार तकनीकी निगरानी एवं सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोचा गया। इस प्रकरण का मुख्य अभियुक्त मोरादिया हार्दिक कुमार भगवान भाई पुत्र भगवान भाई मोरादिया, निवासी मकान संख्या 736, स्वर्ग रेजीडेन्सी, अतोदरा, ओलपाड, सूरत सिटी, चौक बाजार, गुजरात को गिरफ्तार किया गया।
विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त मोरादिया हार्दिक कुमार भगवान भाई पुत्र भगवान भाई मोरादिया का नाम प्रकाश में आया था।
अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध पर भा0द0वि0 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत में माननीय न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।साइबर थाना पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार तकनीकी विश्लेषण, बैंक खातों की जांच, कॉल डिटेल्स एवं डिजिटल फुटप्रिंट्स का अध्ययन किया । माननीय न्यायालय, देहरादून के आदेशानुसार साइबर थाना पुलिस टीम ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा भा0द0वि0 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की गई।
अपराध का तरीका-
अभियुक्त ने गूगल पर उपलब्ध फर्जी कस्टमर केयर नंबर के माध्यम से पीड़ित को संपर्क में लिया और स्वयं को पंजाब नेशनल बैंक का अधिकारी बताते हुए विश्वास में लिया। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के नाम पर एक लिंक भेजा गया, जिस पर शिकायतकर्ता ने अपनी व्यक्तिगत एवं बैंकिंग जानकारी भर दी। इसके बाद अभियुक्त ने व्हाट्सएप नंबर से संदेश भेजकर अतिरिक्त विवरण माँगा और पीड़ित से वह भी प्राप्त कर लिया। अभियुक्तों ने प्राप्त जानकारी और OTP का दुरुपयोग कर पीड़ित के खाते से लगातार लेन-देन किए और कुल ₹14,08,800/- की धनराशि निकाल ली। इस प्रकार फर्जी कस्टमर केयर का झांसा देकर साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक निवास क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। इसी दौरान वह गुप्त रूप से अपने साथियों के संपर्क में रहकर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देता आ रहा था।अभियुक्त ने यह भी खुलासा किया कि वह लगातार फर्जी पहचान पत्र, अलग-अलग मोबाइल नंबर और विभिन्न बैंक खातों का प्रयोग करके धोखाधड़ी करता था, ताकि पीड़ितों को ठगा जा सके और पुलिस की पकड़ से बचा जा सके।
अभियुक्त का नाम व पता – मोरादिया हार्दिक कुमार भगवान भाई पुत्र भगवान भाई मोरादिया नि0 736 स्वर्ग रेजीडेन्सी अतोदरा ओलपाड सूरत सिटी, चौक बाजार गुजरात।
पुलिस टीम-
1- निरीक्षक विजय भारती
2- अपर उप निरीक्षक मुकेश चन्द्र
3- का.नि.नितिन रमोला।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें।
ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करेंव शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त *1930 नम्बर* पर सम्पर्क करें ।