देहरादून
प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा चलाए जा रहे “देवभूमि ड्रग फ्री अभियान” के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य को संपूर्ण नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं। जिसके अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF के कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, के साथ उत्तराखंड स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के संयुक्त निदेशक डॉएस.डी.बर्मन, सहायक निदेशक डॉ० पंकज सिंह, क्षेत्रीय इकाई, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल निदेशक देवानंद, उत्तराखंड खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग देहरादून के सहायक औषधि नियंत्रक, मुख्यालय डॉ सुधीर कुमार के साथ संयुक्त बैठक कर उत्तराखंड में हो रही ड्रग की सप्लाई एवं डिमांड चैन को रोकने के लिए आवश्यक विचार विमर्श कर आज आगामी दिनों में कार्रवाई की योजना तैयार की गई है।
उपरोक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में उत्तराखंड में स्थित नशा मुक्ति केंद्रों में स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की टीम के द्वारा निरीक्षण के दौरान उन्हें एसटीएफ टीम का सहयोग प्रदान किया जाएगा जहां पर देखा जाएगा की नशा मुक्ति केंद्र द्वारा उत्तराखंड में उनके लिए जारी SOP का पूर्णतया पालन किया जा रहा है या नहीं। इसके अलावा SMHA की टीम के साथ एक लैब टेक्नीशियन को भी साथ रखा जाएगा जिससे वहां पर भर्ती मरीजों की यूरीन सैंपल की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि उस नशा मुक्ति केंद्र में उसके इलाज से कुछ अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं या नहीं। इस दौरान लोकल स्तर पर पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा।
बैठक में जानकारी मिली की उत्तराखंड मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के पास अब तक 136 नशा मुक्ति केंद्र द्वारा अपना पंजीकरण कराया गया है परंतु पुलिस की सूचना के अनुसार उत्तराखंड में अब तक लगभग 200 से ऊपर नशा मुक्ति केंद्र वर्तमान में प्रचलित है तथा ऐसे केन्द्रों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया जिनके द्वारा अभी तक अपना पंजीकरण नहीं कराया गया है।
इसके अलावा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार एवं एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के मध्य आपसी समन्वय स्थापित करने पर विशेष जोर दिया गया जिसमें आपसी समन्वय से प्रिकर्सर केमिकल/साइकॉट्रॉपिक ड्रग की श्रेणी में आने वाले केमिकल को रखनेवाली और प्रयोग करने वाली फार्मा कंपनियों पर विशेष निगरानी रखने और उनका संयुक्त निरीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।
साथ ही सभी विभागों द्वारा आपसी समन्वय बनाकर उत्तराखंड में फैलने वाले ड्रग के नेटवर्क को तोड़ने के लिए उनकी सप्लाई चैन और डिमांड चैन पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई गई है।