देहरादून
नकली ट्रामाडोल दवाइयों से भरे ट्रक मामला उत्तर प्रदेश से शुरू होकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बाद में पंजाब के ज़ीरकपुर पहुंचा जिसने सिस्टम को हिलाकर रख दिया।
सतर्कता बरतते हुए इस मामले में उत्तराखंड का ड्रग विभाग सतर्क हो गया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ कर दी गई है। अपर आयुक्त, FDA उत्तराखंड, ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि यह मामला केवल एक ट्रक पकड़ने का नहीं है, बल्कि दवाइयों की संभावित अवैध सप्लाई और बिना बिल के किए जा रहे व्यापार से जुड़े एक बहुत बड़े नेटवर्क के खुलासे का संकेत हो सकता है। विभाग इस पूरे मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ताजबर जग्गी ने बताया कि देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में ड्रग विभाग की विशेष टीमें भेजी गई हैं, ताकि उन दुकानों और गोदामों की जांच की जा सके जहां इस विवादित ट्रक से दवाइयों की सप्लाई होने की संभावना है। टीमों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि बिना बिल, संदिग्ध लीगल डॉक्यूमेंट या अवैध रूप से स्टॉक की गई दवाइयों की तुरंत पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
विभाग अब सप्लाई चेन की पूरी कड़ी को खंगाल रहा है। इस माल को कौन,किसके लिए भेजा गया। और किस रस्ते से भेज रहा था, और किन-किन स्थानों पर इसकी संभावित डिलीवरी की कोशिश की गई। प्रारंभिक जांच में कई ऐसे संकेत भी मिले हैं जो बताते हैं कि बिना बिल और अवैध तरीके से इन दवाइयों की सप्लाई एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से की जा रही थी।
अपर आयुक्त जग्गी ने प्रदेश के सभी फार्मा कारोबारियों से सख्त अपील की है कि यदि उनके पास किसी भी प्रकार की बिना बिल की दवाई या संदिग्ध माल पहुंचा है, तो वे इसे तत्काल रोककर विभाग को इसकी जानकारी दें। यह सिर्फ विभाग की ही जिम्मेदारी नहीं, बल्कि व्यापारियों की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अवैध तरीके से सप्लाई की गई दवाओं के व्यापार को रोकने में विभाग का साथ दें।
जग्गी ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग का उद्देश्य सही व्यापारियों को परेशान करना नहीं है, बल्कि उन लोगों पर शिकंजा कसना है जो अवैध दवा कारोबार का हिस्सा बनकर लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
ड्रग विभाग की इस सक्रियता के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इस पूरे मामले की कड़ियां जल्द जुड़ेंगी और उन लोगों तक पहुंचा जाएगा जो इस अवैध नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। प्रदेश में दवा कारोबार की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए विभाग की इस कार्रवाई को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।