देहरादून/रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकासखंड में भालू और गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र वन्यजीव हमलों से दहशत में है। विगत कई दिनों से आदमखोर भालू और गुलदार की बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा कर रख दी है।
कुछ दिन पहले ही ग्राम पंचायत धारकुड़ी में एक आदमखोर भालू ने सात महिलाओं पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसमें सीमा देवी, अनुदेवी, सोना देवी, सुनीता देवी, फूल देवी, किडी देवी, पिंकी देवी आदि शामिल थीं।ये सभी महिलाएं जंगल में घास काटने गई थीं, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया था। एक महिला की हालत ज्यादा गंभीर बताई गई है और उसे जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर किया गया है।
वहीं धनकुराली, पालाकुराली, उछना और उरोली गांवों में भालू दरवाजे तोड़कर ग्रामीणों के कई पालतू मवेशियों को मौत के घाट उतार चुका है।
स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि कल शनिवार और आज रविवार को मयाली बाजार में भी भालू सड़कों पे खुलेआम घूमता दिखाई दिया। बाजार में लगभग 5 बजे भालू को ग्रामीणों के शोर और कुत्तों के भौंकने पर एक पेड़ पर शरण लेनी पड़ गई। विशेषज्ञों का मानना है कि भालू चीड़ के पेड़ों के गर्म स्थानों में कम ही आते हैं, लेकिन अब इस इलाके में भी उनकी मौजूदगी से ग्रामीण सहमे नजर आ रहे हैं। सहमे हुए कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर महसूस कर रहे हैं।
इधर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग लगातार फोन नहीं उठा रहा है। राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र सकलानी, भीम पुंडीर, आशीष काला, पवन काला और धीरज मणि भट्ट ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह के नुकसान के लिए वन विभाग ही पूरी तरह जिम्मेदार होगा।रुद्रप्रयाग के डीएफओ रजत सुमन ने जानकारी देते हुए बताया हैं कि गुलदार और भालू को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है और ग्रामीणों से लगातार धैर्य और सावधानी रखने की अपील की जा रही है।