देहरादून
UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड खालिद मलिक को हरिद्वार से गिरफ्तार किया।
मामले की जांच एसपी देहात जया बलूनी के नेतृत्व में की जा रही है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिस परीक्षा कक्ष में खालिद ने परीक्षा दी, वहां जैमर नहीं था। पुलिस टीम अब कर्मचारियों और जैमर टीम से पूछताछ कर रही है।
जांच में सामने आया कि परीक्षा केंद्र में कुल 18 कमरे थे, जिनमें से 15 में जैमर लगे थे। खालिद जिस कमरे (नंबर 9) में बैठा था, वहां जैमर नहीं था। इसी कमरे से खालिद ने परीक्षा के तीन पन्ने अपनी बहन साबिया को भेजे, जिन्होंने इसे प्रोफेसर सुमन चौहान तक पहुंचाया।
एसपी बलूनी ने बताया कि आरोपी साबिया ने पूर्ण जानकारी होने के बावजूद नकल कराने के उद्देश्य से प्रश्न भेजे और उत्तर प्राप्त किए, जिस आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि खालिद परीक्षा केंद्र में डिवाइस कैसे लेकर आया। खालिद की गिरफ्तारी के बाद ही पेपर लीक की पूरी गुत्थी सुलझ सकेगी। खालिद की दूसरी बहन हीना और प्रश्न हल करने वाली प्रोफेसर सुमन चौहान भी पुलिस हिरासत में हैं। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल और देहरादून एसएसपी अजय सिंह के निर्देशन में खालिद से गोपनीय स्थान पर पूछताछ जारी है।
UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण अब गहरी साजिश का रूप ले चुका है।
राज्यभर में युवाओं का गुस्सा सड़कों पर दिख रहा है तो वहीं पुलिस ने अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है। जांच के लिए देहरादून, हरिद्वार और साइबर सेल की संयुक्त पांच टीमें बनाई गई हैं, जो लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। गृह सचिव शैलेश बगौली और डीजीपी दीपम सेठ ने साफ किया है कि मामले की जांच पुलिस मुख्यालय की कड़ी निगरानी में चल रही है। डीजीपी ने दावा किया है कि पर्याप्त सबूत हाथ लगे हैं और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
पेपर लीक केस में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन और आरोपी खालिद की बहन साबिया की गिरफ्तारी हो चुकी है। खालिद की दूसरी बहन हिना से भी पूछताछ की गई, हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया। इसके अलावा उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार के खिलाफ भी अनुचित साधन निवारण अधिनियम के तहत रायपुर थाने में केस दर्ज किया गया है।
21 सितंबर को प्रदेश के 445 परीक्षा केंद्रों पर भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद प्रश्न पत्र से जुड़े स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। बेरोजगार संघ ने इसे पेपर लीक बताते हुए सचिवालय कूच किया और सीबीआई जांच की मांग उठाई।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने प्रेसवार्ता कर कहा था कि जैमर होने के बावजूद प्रश्नपत्र कैसे बाहर गए, यह चौंकाने वाला है। उन्होंने दावा किया कि पूरा पेपर नहीं बल्कि तीन पन्ने बाहर आए थे। महिला प्रोफेसर ने पूछताछ में बताया कि उसे खालिद ने प्रश्न भेजकर जवाब मांगे थे। उसने वह प्रश्न बॉबी पंवार को भी भेजे, लेकिन पंवार ने पुलिस को देने से मना कर दिया।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक प्रकरण में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी खालिद ने एक ही परीक्षा के लिए चार अलग-अलग पहचान के साथ आवेदन किए। इन आवेदनों में पिता का नाम, मोबाइल नंबर और यहां तक कि फोटोग्राफ भी अलग-अलग लगाए गए थे। यह खुलासा आयोग ने अपनी आंतरिक जांच में किया है। माना जा रहा है कि खालिद ने नकल की सेटिंग वाले परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए यह चाल चली थी।
आयोग के सचिव एसके बर्नवाल ने बताया कि खालिद की जांच में सामने आया कि उसने एक ही परीक्षा के लिए चार अलग-अलग आवेदन किए थे। हर फॉर्म में दी गई जानकारी बदल-बदलकर भरी गई थी। पूछताछ में खालिद की बहन हिना ने भी स्वीकार किया कि खालिद ने घर में कहा था। कई फॉर्म भरने का मकसद यह था कि वह उसी केंद्र पर परीक्षा दे, जहां नकल की पूरी सेटिंग हो रखी हो।
रविवार 21 सितंबर को सुबह 11 बजे प्रदेशभर के 445 केंद्रों पर परीक्षा शुरू हुई। लेकिन परीक्षा शुरू होने के महज आधे घंटे बाद ही 11.30 बजे पेपर बाहर लीक हो गया। इसके बाद से ही पूरे राज्य में हड़कंप मच गया और अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन तेज कर दिए।
खालिद पहले संविदा पर जेई के पद पर काम कर चुका है।
पेपर लीक मामले में अब तक खालिद की बहन साबिया भी गिरफ्तार हो चुकी है।