सूर्यधार झील के पास बनी कृत्रिम झील से आसपास के कई गाँव खतरे की जद में, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

देहरादून/डोईवाला

विधानसभा डोईवाला क्षेत्र में सूर्यधार झील से थोड़ा आगे एक कृत्रिम झील बनने से आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं।

जैसे ही ये सूचना अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद उनमें भी हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर कृत्रिम झील का जायजा लिया है।

बताया जा रहा है कि पहाड़ी से आए मलबे के कारण सूर्यधार झील से से करीब दो किलोमीटर आगे एक कृत्रिम झील बन गई थी, जिसके वहां पर काफी पानी एकत्र हो गया है। इस झील के बनने से कई गांव के लोग डरे हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि इठारना में सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी कटिंग का कार्य चल रहा है। आरोप है कि उसी का मलबा नदी में डाला गया और जिसकी वजह से यहां पर झील बन गई। ग्रामीणों को डर है कि बरसात में पानी की वेग बढ़ने के कारण झील टूट सकती है और इससे इलाके में बड़ी तबाही आ सकती है। आसपास के कई गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

स्थानीय ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि इठरना में रोड कटिंग करके मलबे को जाखन नदी में डाला जा रहा है, जिसका उन्होंने विरोध किया था। इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत कराया था, लेकिन किसी ने भी उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया है और इसका परिणाम ये है कि आज सूर्यधार झील आगे जाखन नदी में एक कृत्रिम झील बन गई । यदि झील टूटती है तो इससे रानीपोखरी पुल, जाखन पुल और नदी किनारे रहने वाले लोगों को कभी भी खतरा हो सकता है। अब संबंधित अधिकारी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि इठारना में पहाड़ के टूटने से जो मलबा आया था। वो सीधे नदी में गिरा, जिससे यहां पर कृत्रिम झील बनी है। इसी वजह से ये समस्या आई है। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामले को ला दिया गया है और जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।

जाखन नदी पर सूर्यधार बांध परियोजना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। दावा किया गया कि बांध तैयार हो जाने से रानीपोखरी न्याय पंचायत क्षेत्र के अलावा भानियावाला के18 गांवों की 35 हजार आबादी को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही बांध क्षेत्र में पर्यटन के भी नए द्वार खोलेगा। प्रोजेक्ट को पूरा करने में 64.12 करोड़ का व्यय हुआ है।

आपको बताते चलें कि डोई वाला ब्लॉक में स्थित सूर्यधार झील का निर्माण कार्य आठ नंवबर को पूरा हो गया था। तब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 दिसंबर 2017 को इसका शिलान्यास किया था। 29 नवंबर 2020 को इसका लोकार्पण किया गया था।

जलाशय की धारण क्षमता 77000 घन मीटर है। लंबाई 550 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर और गहराई 10 मीटर है। जलाशय के लिए तीन गेट बनाए गए हैं। जिनसे पानी को रोका जाता है। सूर्यधार झील में नौकायन भी शुरू किया गया था। तब सूर्यधार झील पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बनाने का दावा किया गया था।

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