देहरादून
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को अपनी लंबित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर दिव्यांगजनों ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पहुंचकर धरना दिया। हालांकि इसके बाद आनन फानन में पहुंची पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचा दिया।
सोमवार को यहां उत्तराखण्ड दिव्यांग क्रांति महाआन्दोलन के बैनर तले दिव्यांगजन पुलिस को चकमा देकर मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पहुंच गये जहां पर उन्होंने धरना दिया।
उनका कहना था कि पैरा नेशनल चैंपियनशिप में पदक विजेता खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न जॉब दिया जाये तथा सामान्य खिलाडियों के समक्ष सुविधाएं दी जाएं।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधीन सेवाओं में दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित चार प्रतिशत के अंतर्गत रिक्त चले आ रहे बैकलॉग पदों को दो माह में भरा जाए और चार प्रतिशत आरक्षण के आधार पर प्राईवेट सेक्टर में योग्यतानुसार रोजगार निर्धारित कराया जाए।
उनका कहना था कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए दिव्यांग पेंशन 5000 रूपये प्रतिमाह की जाये। इसके साथ ही स्वरोजगार हेतु मिलने वाले ऋण को ब्याज मुक्त किया जाए एवं समाज कल्याण विभाग में हर माह मिलने वाली पेंशन को गारंटी माना जाए। उन्होंने मांग की है कि अन्य राज्य की तर्ज पर दिव्यांगजन निदेशालय का गठन किया जाए और आईएसबीटी के समीप दिव्यांगजनों के विश्राम हेतु भवन का निर्माण किया जाए।
उन्होंने कहा कि ऑटिज्म और मानसिंक रूप से चुनौती वाले दिव्यांग जन के लिए सरकार विशेष स्कूल खोले और उनकी जॉब या उचित देखभाल की व्यवस्था करें तथा दिव्यांगजन हेतु रोजगार के लिए फड खोखा देने का शासनादेश 2 नवम्बर 2016 को जारी हुआ था अभी तक दिव्यांगों को फड खोखा नहीं दिया गया। इस दौरान पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचाया।