दून में कूड़ा उठान व्यवस्था में लापरवाही को लेकर इकॉन वाटरग्रेस मैनेजमेंट को नगर निगम ने नोटिस भेजा,7 दिन में मांगा जवाब, जवाब न मिलने पर दी सिक्योरिटी जब्त और ब्लैक लिस्ट चेतावनी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

दून में कूड़ा उठान व्यवस्था में लापरवाही को लेकर इकॉन वाटरग्रेस मैनेजमेंट को नगर निगम ने नोटिस भेजा,7 दिन में मांगा जवाब, जवाब न मिलने पर दी सिक्योरिटी जब्त और ब्लैक लिस्ट चेतावनी

देहरादून

दून शहर में कूड़ा उठान व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर इकॉन वाटरग्रेस मैनेजमेंट को नगर निगम द्वारा नोटिस प्रेषित कर 7 दिन के भीतर मांगा जवाब, स्पष्ट जवाब न देने तथा कूड़ा उठा व्यवस्था में सहयोग न करने पर सिक्योरिटी जब्त करने तथा ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी भी साथ साथ जारी कर दी गई है।

कारगी कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन में शर्तों के अनुसार कार्य न करने तथा अव्यवस्थाएं फैलाई जाने के व डोर टू डोर कूड़ा उठान में लापरवाही के संबंध में नोटिस दिया गया है।

विगत 6 नवंबर 2024 को जिलाधिकारी/ प्रशासक सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में निर्देश जारी किए गए थे। नई फर्म के आने तक कूड़ा उठान व्यवस्था में देना होगा, सहयोग न करने की दशा में सिक्योरिटी ज़ब्त करने तथा कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी गई थी।

इकान वाटरग्रेस मैनेजमेंट द्वारा किराए पर लिए गए वाहनों के स्वामियों द्वारा काँटे पर एक ट्रक एवं जे०सी०बी० मशीन खड़ी कर दी गई है, जिससे डोर टू डोर कूड़ा एकत्रिकरण के लिए लगाए गए 77 वाहनों एवं अन्य संचालित डम्पर / ट्रैक्टर आदि से ट्रांस्फर स्टेशन तक कूड़ा पहुंचाने वाले वाहनों का मार्ग बाधित किया गया है जिससे एक ओर शहर का कूडा पूर्ण रूप से न उठने तथा कूड़ा एकत्रिकरण वाहन खाली न होने से गंदगी फैलने की संभावना बनी हुई है तो दूसरी ओर कारगी स्थित ट्रांसफर स्टेशन से शीशमबाड़ा प्रोसेसिंग प्लांट पर कूड़ा भेजने का कार्य भी पूर्ण रूप से बाधित रहा है। सफाई व्यवस्था में सुधार एवं संचालन में नगर निगम को अपेक्षित सहयोग प्रदान नही किया जा रहा है।

विगत 1 माह से प्रतिदिन लगभग 140 मीट्रिक टन कूड़ा ही एकत्रित किया जा रहा है, जिसे शीशमबाड़ा प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाना आपका दायित्व है। किन्तु कंपनी द्वारा विगत लगभग 01 माह से उक्त स्थल पर केवल 01-02 वाहनों का ही संचालन किया जा रहा है, जिससे कुल एकत्रित कूड़े का लगभग 25-30 प्रतिशत कुडा ही कंपनी द्वारा प्रोसेसिंग प्लांट पर जा रहा है। इस लापरवाही के कारण क्षेत्र में दुर्गंध फैलने के कारण जन आंदोलन होने की संभावएं बनी हुई हैं।

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