समाजसेवी विजय मदान की मरणोपरांत अपनी आंखे दान करने की इच्छा को निर्मल आश्रम ने किया पूरा, अब इन आंखों से कोई और देख सकेगा दुनिया की रंगीनी

देहरादून

समाजसेवी विजय मदान जो 15 दिसम्बर 1952 को जन्मे और 22 फरवरी 2023 को दुनिया को अलविदा कह गए। लेकिन अपनी आंखे दान कर किसी की दुनिया को रंगीन कर गए।

उपासना एनकलेव, पंडित वाड़ी निवासी विजय मदन नें इच्छा जाहिर की थी कि मरणोप्रान्त उनकी आंखे दान की जाएँ ताकि वह व्यक्ति जो संसार नहीं देख सका इस सुन्दर संसार के दर्शन कर सके।

उनके सपुत्र पूर्व वॉलीबॉल नेशनल प्लेयर एवं वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के रजिस्ट्रार मनीष मदान नें बताया कि हमारे पिताजी के 22 फ़रवरी को निधन के पश्चात निर्मल आश्रम आई इंस्टिट्यूट ऋषिकेश के सेवादार आत्म प्रकाश को सूचित किया गया था। वहाँ के डॉ. जीशान जाहिद, डॉ. हिमानी एवं डॉ. मकरेंदु नें आकर विजय मदान का कॉर्निया प्राप्त कर लिया, मनीष नें कहा ऐसा करके पिताजी की इच्छा पूर्ण कर परिवार को संतोष मिला है।

निर्मल आश्रम के सेवादार आत्म प्रकाश नें कहा कि आँखों के दान से कोई भी बड़ा दान नहीं है, दृष्टि एक ऐसा अमूल्य उपहार है जो केवल आप ही दे सकते हैँ l इसके लिए आवश्यक है कि मृत्यु के 6 घंटे अंदर ऑंखें दान करना, मृतक कि ऑंखें बंद कर उन पर गीली रुई रखे, पंखा बंद रखे ए सी है तो चलने दे एवं सिर के नीचे तकिया रखे।बताया गया कि स्व.विजय मदान की शोक सभा 25 फ़रवरी को 2 से 3 बजे तक गुरुद्वारा पंडितवाड़ी नजदीक शहीद द्वार पर होगी।

इस अवसर पर उत्तराखंड वॉलीबॉल एसोसिशन के अध्यक्ष चौधरी अवधेश कुमार, सुभाष शाह, कमलेश काला, नितिन वालिया, जतिन वालिया अमित, अवनीश कुमार शिवा चौधरी, अजय उनियाल एवं सेवा सिंह मठारु आदि नें गहरा शोक व्यक्त किया।

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