उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के आह्वाहन पर दीनदयाल पार्क* में सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं UCC कें दो बिन्दुओं के विरोध में राज्य आंदोलनकारियों एवं संस्थाओं कें प्रतिनिधियों ने दिया धरना – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के आह्वाहन पर दीनदयाल पार्क* में सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं UCC कें दो बिन्दुओं के विरोध में राज्य आंदोलनकारियों एवं संस्थाओं कें प्रतिनिधियों ने दिया धरना

देहरादून

रविवार को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषणा कें तहत दीनदयाल पार्क में सशक्त भू-कानून व मूल निवास लागू करने औऱ UCC कें दो बिन्दुओं पर विरोध स्वरुप राज्य आंदोलनकारियों और कई संस्थाओं कें प्रतिनिधियों ने धरने मेँ भागीदारी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

धरने कें माध्यम से सभी लोगो ने सरकार पर नाराजगी दिखाते हुये कहा कि आखिर हमने अपनी जल जंगल जमीन एवं देवभूमि की संस्कृति व समग्र विकास को लेकर सड़कों पर आई थी औऱ शहीदों ने शहादतें दी लेकिन इन 25-वर्षों मेँ ना सशक्त भू कानून बना पायें ना स्थाई राजधानी बना पायें उल्टा हमारा मूल निवास जरूर छीन लिया औऱ देवभूमि जेसी पवित्र भूमि मेँ लिविंग इन रिलेशनशिप जेसा जबरदस्ती का कानून थोपने का कार्य कर रही हैं जो हमारी मातृशक्ति कें स्वाभिमान औऱ संस्कृति कें ठीक उलट हैं।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व जगमोहन मेहन्दीरत्ता ने कहा कि आखिर सरकार ने किसी भी सामाजिक संगठन व राज्य आंदोलनकारियों एवं अन्य संस्थाओं कें लोगो को UCC के ड्राफ्ट में ना तो शामिल किया औऱ ना ही सुझाव मांगे औऱ सीधे UCC लागू कर दिया गया।

अल्मोडा़ से मनोज पाण्डे एवं संयुक्त नागरिक संगठन से जसबीर रनोत्रा कें साथ डीo एसo गुसांई ने कहा कि किन्तु वो लोग कौन है , किस प्रदेश के हैं। इसका कहीं उल्लेख नहीं है। UCC का 1 साल वाला ” स्थायी निवासी ” कें प्रावधान पर स्तिथि स्पष्ट नहीं हैं औऱ ना ही इसकी पूरी व्याख्या की गई हैं। क्योंकि इस प्रावधान से उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों पर कुठाराघात होगा औऱ भविष्य मेँ देवभूमि को इस शिकंजे से निकलना भारी पड़ेगा।

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच विधानसभा सत्र से पूर्व सरकार को जगाने व ध्यानाकर्षण हेतु आगामी 16-फरवरी को UCC के 02-बिंदुओं के विरोध में देहरादून गांधी रोड़ स्थित दीनदयाल पार्क मेँ विशाल धरना दिया जायेगा।

प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि हमारे गृह मन्त्री ने भी स्वीकार किया हैं कि UCC मेँ अभी चर्चा की गुंजाइश हैं कि कहीं कोई संस्कॄति , धर्म आदि पर तो इसका दुष्परिणाम तो नहीं होगा अतः अध्ययन करके आगे औऱ सुधार हो सकता हैं। अतः हम माननीय मुख्यमन्त्री से मांग करते हैं कि इसमें दो बिन्दुओं जिसमें लिविंग रिलेशन शिप औऱ निवास स्थान की बाध्यता को सुधार की आवश्यकता हैं।

प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने बयान जारी करते हुये कहा कि एक तरफ हमारी सरकार लव जिहाद कें खिलाफ बोलती हैं तो वहीं दूसरी ओर यें लिविंग जेसे कानून को अमली जामा पहना रही हैं।

अतः मेँ सभी ने एक सुर मेँ यूसीसी के दो क्लॉज लिव इन रिलेशन एवं एक साल तक उत्तराखंड में रहने वाले को स्थाई निवास प्रमाण पत्र का अधिकारी होने के प्रावधान पर पुनर्विचार करने की मांग एवं मूल निवास व सशक्त भू-कानून को तुरंत लागू करने की मांग की औऱ इसे ब्लॉक औऱ जिले स्तर तक चर्चा कें लिये लें जायेगें।

धरने का संचालन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पूरण सिंह लिंगवाल ने किया औऱ अध्यक्षता जगमोहन सिंह नेगी ने की।

धरने को प्रमुख रूप से संबोधित करने वालों में बैंक एम्पलाइज यूनियन के पूर्व नेता जगमोहन मेंहदीरत्ता , संयुक्त नागरिक संगठन के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मान से सम्मानित डाक्टर मुकुल शर्मा, अवधेश कुमार, आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, प्रदेश महामंत्री राम लाल खंडूड़ी, वरिष्ठ नेता पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रभु लाल बहुगुणा,जब्बर सिंह पॉवेल, डीo एसo गुसाई, रुकम सिंह पोखरियाल, युद्धवीर सिंह चौहान,वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव थापर, कर्मचारी नेता पंचम सिंह बिष्ट, अल्मोड़ा से मनोज पांडे, पुरोला से शूरवीर सिंह चौहान, राधा तिवाड़ी, विजय लक्ष्मी गुसाई, रामेश्वरी कंडवाल, अरुणा थपलियाल, राजेश्वरी नेगी, सुशील चमोली, मोहन सिंह रावत, मोहन सिंह खत्री, गणेश डंगवाल, रघुवीर तोमर, संतन रावत, पूर्ण सिंह लिंगवाल, पुष्कर बहुगुणा, शकुंतला रावत, तारा पांडे, सरिता जुयाल, पुष्पलता सिलमाना, सुलोचना भट्ट, संगीता रावत, नवीन रमोला, पार्षद महेंद्र सिंह रावत,डा॰ मुकुल शर्मा , जसबीर रनोत्रा , बबलू कंडारी, जयेंद्र सेमवाल, जनता दल सेकुलर के संयुक्त नागरिक संगठन से अवधेश शर्मा , हरजिंदर सिंह, गीता नेगी, विनोद असवाल, प्रभात डंडरियाल, दलवीर सिंह पंवार, संजय पुंडीर, शूरवीर भंडारी मसूरी, मेहर सिंह चौहान, सुशील त्यागी, हरि सिंह मेहर, राजेंद्र सिंह रावत, लक्ष्मी बिष्ट, सुरेश नेगी, सुबोधनी भट्ट, वीर सिंह रावत, सत्येंद्र नोगाई, राजेश पंथारी, सुरेश कुमार, शुभम ध्यानी, कोमल पंवार, आदित्य त्रिपाठी, प्रमोद पंत, विपिन बलूनी, रामेश्वरी डोबरियाल, सुलोचना गुसाई, उपेन्द्र सेमवाल, रजनी कंडवाल, बसंती सुंदरियाल, बिंदु कंडवाल, कुशल सिंह, मनीष उनियाल, शैलेश सेमवाल, सुशील विरमानी, यशोदा रावत, सुनीता खंडूड़ी, डाक्टर अमर देव गोदियाल, राजेंद्र सिंह रावत, अंजनी भट्ट, पुष्पा रावत, राधा तिवाड़ी बलबीर नेगी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहें।

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