विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पुलिस मुख्यालय में पर्यावरण सुरक्षा, संरक्षण व जागरूकता का सन्देश देने के लिए सार्थक परिचर्चा सम्पन्न – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पुलिस मुख्यालय में पर्यावरण सुरक्षा, संरक्षण व जागरूकता का सन्देश देने के लिए सार्थक परिचर्चा सम्पन्न

देहरादून

विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ.अनिल प्रकाश जोशी के साथ अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने पुलिस मुख्यालय में पर्यावरण सुरक्षा, संरक्षण व जागरूकता का सन्देश देने के लिए एक सार्थक परिचर्चा की। परिचर्चा में मॉडरेटर की भूमिका ओ0 पी0 मनोचा, सीनियर साईंटिस्ट द्वारा निभाई गयी।

डॉ0 जोशी को पर्यावरण और हिमालय के संरक्षण की दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री एवं पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया है।

परिचर्चा में डॉ0 अनिल जोशी ने कहा कि मानव जीवन के लिए यह बहुत कठिन समय है यदि हम पर्यावरण से प्रति अब भी नहीं चेते तो विनाश निश्चित है। अतः पर्यावरण का संरक्षण करना हम सब की जिम्मेदारी है। विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम Only One Earth की तर्ज पर हम सभी को इसके संरक्षण के लिए एक साथ आने की जरूरत है। डॉ.जोशी ने ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा देने, जल संचय एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने सुझाव दिए तथा जी0डी0पी0 के बजाय जी0ई0पी0 (Gross Environment Product) पर जोर देने को कहा।

अशोक कुमार ने बताया कि किस प्रकार उत्तराखण्ड पुलिस पर्यावरण संरक्षण की ओर गंभीर और प्रयत्न्नशील है। विगत वर्ष प्रदेश भर में हमारे द्वारा एक लाख से अधिक पौंधे लगाए गए। ऑपरेशन मर्यादा के अन्तर्गत पर्यटक स्थलों पर कूड़ा डालकर उसकी स्वच्छता खराब करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।

समय-समय पर विभिन्न स्थलों पर पुलिस जवानों द्वारा सफाई अभियान भी चलाए जाते हैं। वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के विरूद्ध भी हमारी कार्यवाही जारी है। मॉडिफाइड साइलेंसरों से ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों पर कार्यवाही की गयी है। ट्रैफिक स्मूथ चले जाम की स्थति उत्पन्न न हो इसके प्रयास किये जाते हैं, ताकि वायु प्रदूषण कम हो। गांव में मानव और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है, जबकि शहरों में वह देखने को नहीं मिलता है। यहां कंक्रीट के बीच प्रकृति कहीं खो गयी है। गांव और शहरों में सटेंनेबल डेवलपमेंट की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में आम नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण की ओर जागरूक किया गया, जिससे कि वे इसके प्रति संवेदनशील होकर पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य सहयोग दें।

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