महाशिवपुरण के चौथे दिन भगवान शंकर को अपनी ससुराल में सम्मान न मिलने से आहत पार्वती ने अपना शरीर समाप्त किया…आचार्य बिजेंद्र ममगाईं – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

महाशिवपुरण के चौथे दिन भगवान शंकर को अपनी ससुराल में सम्मान न मिलने से आहत पार्वती ने अपना शरीर समाप्त किया…आचार्य बिजेंद्र ममगाईं

देहरादून

 

मंगलवार को डालनवाला जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस में कथा का शुभारंभ क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती प्रवेश त्यागी एवं पूर्व पार्षद आनन्द त्यागी ने किया कथा ब्यास आचार्य बिजेन्द्र प्रसाद ममगांई ने ब्रह्मा जी को पुष्कराज भेजने की कथा भगवान विष्णु द्वारा शिव जी ने तपस्या की बद्री क्षेत्र में तपस्या के लिए स्थान दे दिया।

 

जिस समय समुद्र मंथन हुआ सबसे पहले विष निकला जिसका सदाशिव जी ने पान किया सुबह पांच गाय सुरभि, नन्दनी, बहुला सुशीला, आदि प्रकट हुई और रात्रि में महालक्ष्मी का अवतार हुआ।

 

माँ सती का चरित्र के बारे में रोशनी डालते हुए कथावाचक ममगाईं ने कहा कि दक्ष यज्ञ बृहस्पतिस्व यज्ञ में शिव जी द्वारा प्रतिभाग ना करने से पार्वती माँ को पति का यथोचित सम्मान नही मिलने पर शरीर में योगाग्नि से अपने शरीर को समाप्त कर दिया।

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