देहरादून
विश्व क्षय रोग (टी.बी.) दिवस के उपलक्ष में उत्तराखंड उपक्षेत्र के तत्वावधान में सैन्य अस्पताल एवं स्टेशन स्वास्थ्य संगठन द्वारा देहरादून सैन्य स्टेशन पर सैन्यकर्मियों के लिए एक व्यापक जागरूकता व्याख्यान एवं स्वास्थ्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सेना कर्मियों को क्षय रोग, इसके लक्षण और निवारक उपायों के बारे में शिक्षित एवं जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस जानकारी पूर्ण सत्र में लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव भाटी और लेफ्टिनेंट सुमन सिंह द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। उन्होंने बताया कि क्षय रोग एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से प्राणी के फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह मस्तिष्क और रीढ़ जैसे शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।
यह घातक रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है।
व्याख्यान में टीबी के प्रमुख लक्षणों पर चर्चा की गई, जिसमें दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक लगातार खांसी, सीने में दर्द, कफ में खून आना, कमजोरी या थकान, वजन कम होना, भूख न लगना, ठंड लगना और बुखार शामिल हैं।
कर्नल आलोक गुप्ता ने भी रोग की गंभीरता से संबोधित करते हुए उन विभिन्न निवारक उपायों पर जोर दिया जो क्षय रोग के प्रसार को कम करने में मदद कर सकते हैं। जागरूकता कार्यक्रम में 130 लोगो ने हिस्सा लिया जिनमें सात अधिकारी, 22 जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) और 101 अन्य रैंक के अधिकारियों ने भाग लिया। व्याख्यान के अलावा, स्टेशन स्वास्थ्य संगठन ने एक स्वास्थ्य प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया था जिसमें सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए तपेदिक (टीबी)की रोकथाम और सामान्य स्वास्थ्य प्रथाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती तपेदिक से निपटने में प्रारंभिक पहचान, रोकथाम और जागरूकता के महत्व पर भी विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया।