देहरादून
आज रात, 7 सितंबर 2025 दिन रविवार को साल का आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला है। यह ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक चलेगा, जिसकी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट होगी। यह खगोलीय घटना भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा के दिन पितृ पक्ष की शुरुआत के साथ हो रही है, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है।चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:58 बजे से शुरू होगा, जबकि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए यह शाम 6:36 बजे से प्रभावी होगा। इस दौरान भोजन, पूजा-पाठ, स्नान, और नुकीली वस्तुओं का उपयोग वर्जित है।
राशियों पर प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण का 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा।
मेष: मानसिक अशांति और क्रोध पर नियंत्रण रखें।
वृषभ: आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें, निवेश सोच-समझकर करें।
मिथुन: रिश्तों में तनाव की संभावना, संयम आवश्यक।
कर्क: स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं, खानपान पर ध्यान दें।
सिंह: कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव रहेंगा, निर्णय सोच-समझकर लें।
कन्या: पारिवारिक मामलों में विवाद संभव, धैर्य रखें।
तुला: अनावश्यक खर्च बढ़ सकता है, बचत पर जोर दें।
वृश्चिक: मान-सम्मान को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं।
धनु: यात्रा में बाधाएं आएंगी, सतर्क रहें।
मकर: आर्थिक लाभ की संभावना लेकिन आलस्य से बचें।
कुंभ: कॅरिअर में नई चुनौतियां सामने आएंगी।
मीन: मानसिक तनाव से बचें, ध्यान-प्रार्थना करें।
क्या करें और क्या न करें…
ग्रहण के दौरान भोजन, सोना, तेल मालिश, और देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न निकलने और नुकीली चीजों से दूर रहने की सलाह है।
चंद्र मंत्र “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का जाप और सफेद वस्तुओं (चावल, चीनी, दूध, चांदी) का दान शुभ माना गया है।
ग्रहण के बाद स्नान, भगवान शिव का अभिषेक, और महामृत्युंजय मंत्र का जाप नकारात्मक प्रभावों को कम करेगा।
वैज्ञानिक रूप से, चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे सूर्य का प्रकाश उस तक नहीं पहुंच पाता। यह एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे राहु-केतु के प्रभाव से जोड़ा जाता है। उपाय: ग्रहण समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा दान करें। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि ग्रहण के दौरान ध्यान और जप से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।